Way to success | सफलता की राह।
Way to success | सफलता की राह।
प्रत्येक व्यक्ति अपने हर एक काम में और अपने जीवन में सफल होना चाहता है। चाहे वो छोटा काम हो या फिर बहुत बड़ा। व्यक्ति का जीवन संघर्षों से भरा रहता है। वह अपने जीवन में बहुत से नये – नये कार्य करता है। कुछ कार्यों को तो वह सफलतापूर्वक सम्पन्न कर लेता है लेकिन कुछ अधूरे ही रह जाते हैं। तो क्या कुछ एक कार्यों में success पाना ही सफलता है? ये सब समझने के लिए हमारे इस लेख (Way to success | सफलता की राह।) को अंत तक पढ़ें।
What is success | सफलता क्या है?
सफलता प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा है, लालसा है एवम् अभिलाषा है। हर कोई success व्यक्ति के जैसा बनना चाहता है। सफलता प्रत्येक व्यक्ति की सोच, काबिलियत, आत्मबल और संस्कारों पर निर्भर करती है। अलग – अलग व्यक्तियों के लिए सफलता की परिभाषा अलग – अलग हो सकती है।
“दूसरों की अपेक्षा यदि आपको सफलता देर से मिले तो निराश मत होना, क्योंकि मकान बनने से अधिक समय महल बनने में लगता है।”
– मदर टेरेसा
What is the meaning of success | सफलता का अर्थ क्या है?
क्या धनी व्यक्ति को सफल कहा जा सकता है? यदि इस विषय पर विचार – विमर्श करें तो नतीजा यह निकलता है कि धन तो बहुत ही क्षुद्र वस्तु है। प्रत्येक भ्रष्ट व्यक्ति, तस्कर, माफिया एवम् वैश्याओं के पास धन की कोई कमी नहीं है। क्या इनको सफल व्यक्ति की श्रेणी में रखा जा सकता है? उत्तर है – नहीं।
किसी अभीष्ट परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्र को सफल कहा जा सकता है। लेकिन अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद उस छात्र का चयन किसी अभीष्ट कोर्स या जॉब में नहीं हुआ तो वह success नहीं हुई ना।
एक खिलाड़ी के लिए किसी स्पर्धा में जीत हासिल कर लेना सफलता कहा जा सकता है। किसी टीम के लिए खेल स्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त कर लेना success कहा जा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि सफलता के लिए किसी अन्य से उत्कृष्ट प्रदर्शन की आवश्यकता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो सफलता निरपेक्ष नहीं है बल्कि वर्तमान संदर्भ में success सापेक्ष है। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। सफलता का सूत्र है – मेहनत + लगन = सफलता।
Success is individual | सफलता व्यक्तिगत है।
किसी के लिए भी तय लक्ष्य को प्राप्त कर लेना ही success है। एक व्यक्ति को ऐसी एक नौकरी प्राप्त कर लेना ही success है जिससे उसके परिवार का भरण- पोषण चल रहा हो। किसी प्रेमी के लिए अपनी प्रेमिका से विवाह करना ही सफलता है। किसी छात्र के लिए एक जॉब पाना ही सफलता है।
एक व्यवसाई की सफलता अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने तथा आगे बढ़ाने में नजर आती है। एक डॉक्टर की सफलता उसके मरीजों का रोग निवारण करने में प्रतीत होती है। एक वैज्ञानिक के लिए success नई खोज करने में है। इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति के लिए सफलता के अलग – अलग मायने है।
सफलता व्यक्ति के विचारों से निर्धारित होती है। यदि इस दृष्टिकोण से सफलता को समझने का प्रयास किया जाए। तो आप पाते हैं कि जिस कार्य को करने से आपको आंतरिक खुशी मिलती है, या आप संतुष्ट होते हैं। तो ये आपके लिए success हो सकती है। इस प्रकार सफलता व्यक्तिगत है। सफलता के लिए मानसिक संतुष्टि सबसे अनिवार्य है।
“जिंदगी एक अपार संभावनाओं की बहती नदी के समान है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप बाल्टी लेकर खड़े हैं या फिर चम्मच।”
Why do you want to succeed | आप क्यों सफल होना चाहते हैं?
प्रत्येक व्यक्ति सफलता की अभिलाषा रखता है। हर कोई सफलता का आलिंगन करना चाहता है। कुछ व्यक्तियों का कहना है कि success होने पर उन्हें धन मिलता है, समृद्धि मिलती है। तो कुछ का कहना है कि उन्हें success होने पर आगे बढ़ने का उत्साह मिलता है, motivation मिलती है।
बिना सफलता के जीवन कुछ भी नहीं है। यदि success नहीं मिले तो जीवन अंधकारमय और निराशापूर्ण हो जाएगा। इसलिए जीवन में success बहुत आवश्यक है।मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होने के साथ – साथ एक बुद्धिजीवी भी है। वह बहुत से कार्य तो प्राकृतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करता है। उसके बाद वह जीवित रहने के लिए खाने – पीने तथा रहने के लिए निवास का प्रबंध करता है। वह बहुत मेहनत भी करता है, बेईमानी तथा ईमानदारी से पैसे भी कमाता है।
हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि वह अपने मित्रों, रिश्तेदारों और परिचितों के मध्य अलग से पहचाना जाए। लेकिन इस पर काम करना कठिन होता है। इन सभी के मध्य अपनी उत्कृष्टता एवम् वर्चस्व की स्थापना ही सफलता पाने का कारण है।
“केवल मन के चाहे से न मनचाही पूरी होती है, बिना परिश्रम किए न जीत हासिल होती है, पर्वत पर फतेह करने के लिए पर्वत पर चढ़ना पड़ता है, सागर से मोती लाने को पानी में उतरना पड़ता है, लक्ष्य पूर्ति को पूरे मन से प्रयास करो, आराम को त्यागो तुम कड़ी मेहनत पर विश्वास करो, ईमानदारी, लगन कभी बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”
How to get success | सफलता कैसे प्राप्त करें?
प्रत्येक व्यक्ति अपनी योग्यता, क्षमतानुसार और समझ के अनुसार मेहनत करता है। हर किसी की ये इच्छा होती है कि उसकी गिनती successful व्यक्तियों में हो। सफलता अर्जित की जा सकती है। इसकी कोई गणितीय विधि या ज्योतिषीय मंत्र नहीं है। Success वस्तुतः बहुत सारे गुणों जैसे – व्यक्ति की योग्यता, क्षमता को तयशुदा दिशा में लगाने का समग्र प्रतिफल है।
सफलता प्राप्ति का मार्ग दुर्गम, संघर्षमय है। Success के लिए संघर्षरत व्यक्ति को असफलता हेतु भी सहर्ष तैयार रहने की आवश्यकता है। असफलता की राह ही सफलता की बुलंदियों पर परचम लहराने की बुनियाद बनाती है। निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण बिंदुओं द्वारा आप success पा सकते हैं।
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Your thoughts | आपके विचार।
एक व्यक्ति का चरित्र, उसकी सोच एवम् विचारों का समग्र प्रतिबिंब होता है। सकारात्मक सोच से आपके चारों तरफ विश्वास एवम् अच्छा माहौल दृष्टिगोचर होता है। जबकि नकारात्मक विचार वाले व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी एवम् सर्वत्र निराशाजनक स्थिति दिखाई देती है। जीवन में success के लिए सकारात्मक सोच, दृढ़ता, ईमानदारी और स्वयं पर विश्वास बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। और ये सब व्यक्ति के सोच – विचारों की पराकाष्ठा है।
“जीत और हार आपकी सोच पर निर्भर करती है। मान लो तो हार होगी ठान लो तो जीत होगी।”
“दुनिया में सबसे ताकतवर चीज व्यक्ति के विचार हैं। सकारात्मक विचारों से नई सोच, नई समझ बनती है। नकारात्मक विचारों से मन में विकार पैदा होते हैं।”
– विक्टर ह्यूगो
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Prepare yourself | स्वयं को तैयार करें।
सबसे पहले आप स्वयं को पहचानें। आपकी रुचि किस काम में है, आप किस फील्ड में जाना चाहते हैं। आपकी पसंद – नापसंद का आकलन करने के बाद स्वयं को उस उद्देश्य के लिए तैयार करें। सिर्फ सोचने से आपको success नहीं मिल सकती।
वैसे भी success एक दिन, एक माह या कोई समयबद्ध कार्यक्रम नहीं है। सफलता के लिए मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है। जो उद्देश्य आपने चुना है उसके लिए स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करें।
“सफलता पहले से की गई तैयारी पर अधिक निर्भर होती है। बिना तैयारी के किया गया कार्य अधिकांशतः असफल रहता है। तजुर्बा इंसान को गलत फैसलों से बचाता है लेकिन तजुर्बा इंसान को गलत फैसलों से ही आता है।”
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Set goals according to your interests | अपनी रुचि के अनुसार लक्ष्य तय करें।
अपनी रुचि, क्षमता और योग्यता के अनुसार अपना लक्ष्य तय करें। और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करें। बिना लक्ष्य के आपका जीवन बिना नाविक के उस नाव की तरह है। जो मात्र हवा के झोंके से कभी इस दिशा में तो कभी उस दिशा में चलती रहती है।
शुरू में छोटे – छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करते चलें। ऐसा करने से आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता रहेगा। Success चाहे छोटी हो या बड़ी हो, आपके अंदर आत्मविश्वास एवम् ऊर्जा का संचार करती है। लक्ष्य तय करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप अपनी ऊर्जा को एक निश्चित दिशा में उपयोग कर सकते हैं। इससे आपके success होने की उम्मीद अधिक बढ़ जाती है।
“जीवन की त्रासदी यह नहीं कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाए। त्रासदी तो यह है कि आपके पास कोई लक्ष्य था ही नहीं।”
– बेंजामिन मेस
“वे लोग जिनके लक्ष्य स्पष्ट होते हैं वे कम समय में उन लोगों से अधिक सफलता प्राप्त कर लेते हैं जो लोग इतना सोच भी नहीं सकते हैं।”
– ब्रायन ट्रेसी
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Set target deadline | लक्ष्य की समय सीमा तय करें।
केवल लक्ष्य तय करने का कोई मतलब नहीं है। जब तक उसे पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित न की जाए। बहुत से लोग हैं जो करोड़पति बनना चाहते हैं। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो आई ए एस बनने का लक्ष्य रखते हैं। लेकिन बिना समय सीमा तय किए हुए वह लक्ष्य ही रहता है। Success पाने के लिए तय किए गए लक्ष्य के लिए समय सीमा निर्धारित करना भी आवश्यक है। यह व्यक्ति का स्वयं का, स्वयं को दिया हुआ एक चैलेंज ही होता है।
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Make plan | योजना बनाएं।
लक्ष्य और समय सीमा तय करने के बाद आपको success पाने के लिए एक योजना तैयार करनी होगी। सही और उत्कृष्ट योजना आपको सफलता की ओर अग्रसर करती है। वैसे भी जीवन के प्रत्येक कार्य में योजना बनाना सही रहता है। इससे गलती होने की संभावना कम हो जाती है। योजना से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है जो success के लिए बहुत आवश्यक है।
“जब आप किसी कार्य की शुरुआत करें तो असफलता से नहीं डरें, और उस कार्य को छोड़ें नहीं। जो लोग ईमानदारी से कार्य करते हैं, अंततः वे ही सफल होते हैं।”
– चाणक्य
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Set priorities | प्राथमिकताएं तय करें।
जीवन में उचित प्राथमिकता तय करना न केवल व्यक्तिगत success के लिए, बल्कि किसी भी success के लिए आवश्यक है। एक साथ कई कार्यों को करना मुश्किल होता है, तथा वे सुचारू रूप से नहीं हो पाते हैं। इसलिए कार्यों की महत्तवता के हिसाब से योजना बनाएं।
सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य सबसे पहले पूर्ण करें। यदि किसी कार्य को दो दिन के लिए टाल सकते हैं तो उसे दो दिन बाद करें। और यदि किसी कार्य को एक सप्ताह बाद कर सकते हैं तो उसे एक सप्ताह बाद ही करें। अतः अपनी प्राथमिकताओं का उनके महत्त्व के अनुसार समाधान करना, किसी भी व्यवसाय व व्यक्तिगत सफलता के लिए बहुत आवश्यक है।
“शिकायत करना सरल है लेकिन स्वयं के पैरों पर उठना और खड़े होना कठिन है। पर जब हम ऐसा करते हैं और स्वयं का मूल्यांकन करते हैं तो हम अपने आपको सफलता की बुलंदियों को छूने के काबिल बना लेते हैं।”
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Believe in your eligibility and ability | अपनी योग्यता और क्षमता पर विश्वास करें।
किसी भी कार्य में सफल होने के लिए आपका स्वयं पर विश्वास बहुत आवश्यक है। यदि आपको अपनी योग्यता व क्षमता पर विश्वास नहीं है तो आप कुछ भी नहीं कर सकते। आप न तो कोई सटीक निर्णय ले पाते हैं और न कोई योजना बना सकते हैं। यहां तक कि आप स्वयं को संघर्ष के लिए तैयार भी नहीं कर सकते।
स्वयं का विश्वास ही आपकी इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाता है। Success के रास्तों में बहुत सी विपदाएं अती हैं। इनसे लड़ने के लिए आपका स्वयं का विश्वास, आपको निडर और संघर्षशील बनाता है। आपकी नेतृत्व क्षमता, आपकी स्वयं की योग्यता और क्षमता का ही तो परिणाम है।
“मंजिलें इंसान के हौसले आजमाती हैं, सपनों के पर्दे आंखों से हटाती हैं। किसी भी बात से हिम्मत मत हारना, ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती हैं।”
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Face challenges | चुनौतियों का सामना करें।
सफलता की राह (way to success) में आपको विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सफल व्यक्ति वही होता है जो किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना साहस, धैर्य व चतुराई से करता है। चुनौतियों का सामना करते समय आपको बहुत ही विनम्र और बहुत ही धैर्य रखने की आवश्यकता होती है।
कई बार ऐसा होता है कि आपके व्यवसाय में अचानक ही बिना कारण नुकसान हो जाता है। या आपका पार्टनर आपका साथ छोड़ सकता है अथवा आपके कर्मचारी आपका साथ छोड़ सकते हैं। ये (Way to success | सफलता की राह।) की ऐसी चुनौती हैं, जिनका हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में सामना करना पड़ता है।
“खुद पर भरोसे का हुनर सीख लो दोस्तो, सहारे कितने भी सच्चे हों साथ छोड़ ही जाते हैं।”
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Honestly assess your own weaknesses | स्वयं की कमजोरियों का ईमानदारी से आकलन करें।
अधिकांशतः यह देखा जाता है कि व्यक्ति अपनी असफलताओं के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास करता है। आजकल भ्रष्टाचार और आरक्षण भी कारण बन गए हैं। जिन्हें व्यक्ति अपनी असफलता का कारण मानता है। वास्तविकता तो यह होती है कि असफलता के जिम्मेदार हम स्वयं होते हैं।
कोई भी नया काम करने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेना बहुत आवश्यक है। आधी – अधूरी जानकारी ही आपकी असफलता के लिए जिम्मेदार होती है। इसलिए स्वयं की कमजोरियों का ईमानदारी से आकलन करें। तथा उन्हें सुधारने या दूर करने की कोशिश करें। उत्साहपूर्वक अपनी योजना पर कार्य करें। Success अवश्य मिलेगी।
“दीपक सोने का हो या मिट्टी का, मूल्य उसका नहीं होता। मूल्य होता है उसकी लौ का, लौ (रोशनी) जो अंधकार को दूर करती है।”
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-🙏 धन्यवाद 🙏 –
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