Brain rules book in hindi

Brain rules book in hindi 

Brain rules book in hindi

Brain rules book in hindi 

डॉ. जॉन मदीना द्वारा लिखित ‘ब्रेन रूल्स’ पुस्तक का संक्षिप्त विवरण हम इस (Brain rules book in hindi) लेख में समझेंगे। हम यहां ईश्वर के सबसे कीमती उपहार यानी मानव मस्तिष्क के बारे में जानेंगे कि यह कैसे काम करता है। यह पुस्तक मस्तिष्क के उन 12 सिद्धांतों को उजागर करती है जिन्हें जानकर आप भी अपने मस्तिष्क को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे। 

क्या आपने कभी सोचा है कि आपका मस्तिष्क कितना शक्तिशाली है? कैसे ये शब्दों और अंकों को समझ सकता है? ये सिर्फ शक्तिशाली ही नहीं बल्कि बहुत तेज भी है। जब आप डरे या घबराए हुए होते हैं तब भी यह आपको एक जगह से दूसरी जगह जाने में मदद करता है।

खचाखच भीड़ में कितनी तेजी से आप अपने दोस्त या जान पहचान वाले व्यक्ति को कैसे पहचान लेते हैं? ये कमाल आपके मस्तिष्क और उसके अंदर लाखों न्यूरॉन्स का है। ये बड़े ही आश्चर्य की बात है कि एक छोटी सी जगह में आप अनगिनत सूचनाओं को संरक्षित कर सकते हैं।

यकीन मानिए आपका ब्रेन बहुत ही दिलचस्प और हैरान कर देने वाली मशीन है। तो आइए जानते हैं कि इसे बेहतर बनाने के लिए आखिर हम क्या कर सकते हैं? एक खुश और स्वस्थ दिमाग के लिए हमें किन सिद्धांतों को जानना चाहिए:—

1. Exercise boosts brain power | व्यायाम करने से दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है।

व्यायाम सिर्फ शारीरिक मसल्स या एब्स बनाने के बारे में नहीं है। यह आपके हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारियों के रिस्क को भी कम कर देता है। व्यायाम से आपका दिमाग भी मजबूत होता है और बेहतर तरीके से कार्य करता है। यह आपके मस्तिष्क को गहराई से प्रभावित करता है। जब आपका दिल पंप करता है तो यह अधिक ऑक्सीजन को मांसपेशियों और दिमाग में भेजता है जिससे हमारा दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। 

नियमित शारीरिक गतिविधियों से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है। इससे लाभकारी रसायनों का मिश्रण तैयार होता है जो स्मृति और संज्ञानात्मक क्षमताओं को मजबूत करता है। जब आप खुद को एक्टिव बनाए रखते हैं तो आप positive thoughts और एनर्जी से भरे रहते हैं। तो जब भी आप किसी मुश्किल समस्या से जूझ रहे हों तो तेज चलने की कोशिश करें। आप समाधान के करीब पहुंच सकते हैं। 

आपके मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से ईंधन की आवश्यकता होती है। जब आप व्यायाम करते हैं तो आपके मस्तिष्क सहित शरीर के अन्य अंग भी खाने से पोषक तत्व लेने में बेहतर हो जाते हैं। एक्सरसाइज आपके नर्वस सिस्टम में सेरोटोनिन, डोपामाइन और नोरेपिनफ्रिन को रिलीज करता जो आपके मूड को अच्छा बनाए रखता है। 

2. The human brain evolved, too | मानव मस्तिष्क भी विकसित हुआ।

मानव मस्तिष्क स्थिर नहीं है यह लगभग निरंतर गतिविधियों में विकसित हुआ है। हमारे पूर्वजों ने कठोर वातावरण से बचने के लिए सिर्फ अपने शरीर का ही नहीं बल्कि अपने दिमाग का भी बहुत इस्तेमाल किया। ये शिकारी और संग्राहक दिनों से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं।

जैसे– जैसे हमारी जीवन शैली (Lifestyle) विकसित हुई, वैसे ही हमारा मस्तिष्क भी विकसित हुआ है। उन्होंने खुद को जटिल समस्याओं को हल करने के साथ जीवित रहने के लिए अनुकूलित किया। इस तरह वे परिवर्तन और चुनौतियों में कामयाब होते गए। लड़ने के बजाय उन्होंने बदलाव के साथ ढलना और उसे अपनाना सीखा।

Smithsonian institution में human origin के डायरेक्टर रिचर्ड पॉट्स इस थ्योरी को variability selection theory कहते हैं। ये थ्योरी बताती है कि हमारे मस्तिष्क में दो पावरफुल विशेषताएं हैं। पहली, जब हम गलतियां करते हैं तो हम सचेत हो जाते हैं और दूसरी, हमारा मस्तिष्क उनसे सीखने की परमिशन देता है।

इस एबिलिटी ने हमारे पूर्वजों को तेजी से परिवर्तन के साथ आगे बढ़ना सिखाया। इसलिए लगातार सीखते हुए नई और अच्छी आदतों (habits) के साथ अपने दिमाग को तेज बनाए रखें। 

3. Sleep well, Think well | अच्छी नींद लें, अच्छा सोचें।

स्वस्थ मस्तिष्क के लिए गुणवत्तापूर्ण नींद जरूरी है। अक्सर नींद की कमी की वजह से आपमें अस्पष्ट सोच, बिगड़ा हुआ निर्णय और शरीर में सुस्ती हो सकती है। जिसकी वजह से आप ओवर रिएक्ट करने लगते हैं और आप इसमें गलत नहीं है।

स्टडी में बार– बार यह साबित हो चुका है कि नींद की कमी आपके शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाती है। इसलिए रात की अच्छी नींद को प्राथमिकता दें। नींद के दौरान हमारा मस्तिष्क यादों को मजबूत करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।

हम बिना रुके या बिना नींद लिए लगातार काम नहीं कर सकते क्योंकि हमारे शरीर में जागने और सोने का ऑटोमैटिक सिस्टम बना हुआ है। यहां तक कि दोपहर में झपकी लेना भी शोधकर्ताओं ने हेल्थी बताया है। झपकी लेने का मतलब ये नहीं कि आप आलसी हैं या ज्यादा सो रहे हैं। हमारे शरीर को बस कुछ देर आराम करने का मौका चाहिए चाहे फिर वो कुछ ही मिनटों का क्यों न हो। 

Nasa द्वारा किए गए एक शोध से पता चला कि 26 मिनट की झपकी लेने के बाद एक पायलट की परफॉर्मेंस 34% बढ़ गई थी। एक और स्टडी से पता चला कि 45 मिनट की झपकी लेने वाले स्टूडेंट्स की मेंटल प्रॉसेस काफी बढ़ गई थी। पूरी नींद लेना बच्चों के लिए ही जरूरी नहीं होता बल्कि हर इंसान के लिए आवश्यक है। ये हमारी बॉडी को खुद से रिचार्ज करने का नेचुरल प्रॉसेस है।

4. We don’t pay attention to boring things | हम बोरिंग चीजों पर ध्यान नहीं देते।

हमारा दिमाग एक बार में एक चीज पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। यह मल्टीटास्किंग करने में सक्षम नहीं है। हम बात करने के साथ सांस ले सकते हैं लेकिन जब उच्च स्तर के काम की बात आती है तब ऐसा नहीं कर सकते। मस्तिष्क क्रमिक रूप से अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित करता है, एक समय में एक। स्विचिंग में समय लगता है।

यह उबाऊ चीजों को नजरंदाज कर देता है। हम जिस चीज पर ध्यान देते हैं, वह स्मृति से गहराई से प्रभावित होती है। भावनात्मक उत्तेजना मस्तिष्क को सीखने में मदद करती है। अक्सर मानव मस्तिष्क भावुक, धमकियों और कामुक चीजों की तरफ जल्दी आकर्षित होता है। 

5. Repeat to remember | याद करने के लिए दोहराएं।

पुनरावृत्ति हमारी स्मृति (Memory) में जानकारी को लंबे समय तक स्थापित करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। सूचनाओं पर हम जितनी बार ध्यान देते हैं या दोहराते हैं, उतनी ही अधिक संभावना उसे याद रखने की बढ़ जाती है। यादें इतनी अस्थिर होती हैं कि उन्हें याद रखने के लिए आपको उन्हें दोहराना पड़ता है।

Read it:- How to increase your memory 

मस्तिष्क में आने वाली जानकारी तुरंत टुकड़ों में विभाजित हो जाती है और स्टोरेज के लिए कोर्टेक्स के विभिन्न क्षेत्रों में भेज जाती है। किसी मेमोरी को हम उसके शुरुआती क्षणों में जितना अधिक विस्तृत रूप से इनकोड करते हैं, वह उतनी ही मजबूत होती है। आप किसी भी चीज को याद करने की संभावना में सुधार कर सकते हैं। 

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6. Remember to repeat | दोहराना याद रखें।

भूलना हमें घटनाओं को प्राथमिकता देने की अनुमति देता है लेकिन यदि आप याद रखना चाहते हैं तो दोहराना ना भूलें। अधिकांश यादें मिनटों के अंदर गायब हो जाती हैं लेकिन जो नाजुक अवधि से बचती हैं वे समय के साथ मजबूत होती हैं। जब भी आपको कुछ लंबे समय तक याद रखना हो तो उसे दोहराना ना भूलें।

हमारा दिमाग हमें वास्तविकता का केवल एक अनुमानित दृष्टिकोण देता है क्योंकि वे नए ज्ञान को यादों के साथ मिलाते हैं और उन्हें एक साथ संग्रहीत करते हैं। दीर्घावधि स्मृति (Long term memory को अधिक विश्वसनीय बनाने का यह तरीका है कि आगे की जानकारी को धीरे– धीरे शामिल किया जाए और समय अंतराल में इसे दोहराया जाए।

7. Stressed brains don’t learn the same way | तनावग्रस्त मस्तिष्क उसी तरह नहीं सीखते हैं।

आपके मस्तिष्क को प्रकृति ने तनाव से निपटने के लिए कुछ ऐसे डिजाइन किया है जो लगभग 30 सेकंड तक रहता है। मस्तिष्क को लंबे समय तक तनाव के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। आपके शरीर की रक्षा प्रणाली को क्षणिक और नुकीले दांत वाले बाघ जैसे गंभीर खतरों को तुरंत जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है।

इसे भी पढ़ें: तनाव प्रबंधन कैसे करें?

तनाव वस्तुतः हर प्रकार की अनुभूति को क्षति पहुंचाता है जो मौजूद है। यह आपकी स्मृति और संज्ञानात्मक क्षमताओं को भी बाधित करता है। लंबे समय तक रहने वाला तनाव आपके प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

चिरकालिक तनाव में एड्रेनलाइन आपकी रक्त वाहिकाओं में निशान बनाते हैं जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसी के तहत कार्टिसोल हिप्पोकैंपस की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। तदोपरान्त, आपके सीखने और याद रखने की क्षमता में कमी आ जाती है।

आपके पास जो घर पर दिमाग है वही आपके कार्यक्षेत्र और स्कूल में भी है। तो यदि आप घर पर तनाव में रहते हैं तो यह स्कूल या काम पर भी आपके प्रदर्शन को प्रभावित करता है। इसलिए, यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा हावर्ड यूनिवर्सिटी में जाए तो घर पर प्यार और भावनात्मक स्थिरता को बनाए रखें।

8. Every brain is wired differently | प्रत्येक मस्तिष्क को अलग तरीके से तारित किया जाता है।

लेखक के अनुसार कोई भी दो लोगों का मस्तिष्क एक ही जानकारी को एक ही जगह पर एक ही तरीके से संरक्षित नहीं करता है। किन्ही भी दो लोगों का मस्तिष्क एक जैसा नहीं होता है। यहां तक कि जुड़वा बच्चों का भी नहीं।

हमारा दिमाग अनुवांशिकी और जीवन के अनुभवों से आकार लेता है। इसका मतलब है कि हर किसी की तंत्रिका वायरिंग अलग– अलग होती है। विभिन्न मस्तिष्क के क्षेत्र अलग– अलग लोगों में अलग– अलग दरों पर विकसित होते हैं। स्कूली बच्चों का दिमाग उनके शरीर की तरह ही असमान रूप से विकसित होता है।

हम सभी अद्वितीय हैं और इसमें हमारा मस्तिष्क भी शामिल है। आप जो भी करते या सीखते हैं यह आपके मस्तिष्क के स्वरूप को बदल देता है। कुछ लोग आसानी से वाद्य यंत्र या गाना गा सकते हैं तो कुछ अन्य खेलों में उत्कृष्ट होते हैं। इसलिए अपनी वैयक्तिकता को अपनाएं और अपनी कमजोरियों को चुनौती देते हुए खुद को पोषित करें। यह वही है जो आपको आप बनाता है।

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9. Stimulate more of the senses | इंद्रियों को अधिक उत्तेजित करें।

किसी भी घटना की जानकारी को हम अपनी इंद्रियों के माध्यम से अवशोषित करते हैं। फिर इसे विद्युत संकेतों में अनुवादित करते हैं। उन संकेतों को मस्तिष्क के अलग– अलग भागों में भेजते हैं और फिर जो हुआ उसका पुनर्निर्माण करते हैं। अंततः घटना को एक के रूप में मानते हैं।

कुछ भी सीखने के लिए आप जितनी अधिक इंद्रियों को शामिल करेंगे जानकारी उतनी ही बेहतर होगी। हमारी इंद्रियों एक साथ काम करती हैं इसलिए उन्हें उत्तेजित करना महत्त्वपूर्ण है। जैसे: यदि अकेले शब्दों की तुलना में संबंधित चित्रों और शब्दों को प्रस्तुत किया जाए तो बच्चे बेहतर सीखते हैं।

10. Vision trumps all other senses | दृष्टि अन्य सभी इंद्रियों को रौंद देती है।

दृष्टि हमारी प्रमुख इंद्रिय है जो अन्य सभी इंद्रियों पर विजय प्राप्त करती है। क्या आपने कभी एक कहावत सुनी है – “एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर होती है।” ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारा दिमाग लिखने और पढ़ने की तुलना में चित्रों के माध्यम से जल्दी सीखता है। इसलिए जब भी आप किसी अवधारणा के साथ संघर्ष कर रहे हों तो एक चित्र या आरेख बनाने की कोशिश करें। 

हमारा मस्तिष्क चित्रों या आरेखों को याद करने में अविश्वसनीय है और यह एक स्टडी में सिद्ध हुआ है। आपने आज कोई लेख का छोटा भाग पढ़ा, इसके तीन दिन बाद में आप केवल 10% सूचना ही याद रख पाएंगे। वहीं आप सूचना के साथ एक तस्वीर को शामिल करें तो आप तीन दिन बाद 65% तक याद रख सकेंगे। 

11. Male and female brains are different | पुरुष और महिला का दिमाग अलग– अलग होता है।

पुरुष और महिलाएं कुछ भावनाओं को अलग– अलग तरह से संसाधित करते हैं। इमोशंस बहुत उपयोगी हैं ये दिमाग को ध्यान आकर्षित कराते हैं। पुरुषों और महिलाओं के बीच यह अंतर प्रकृति और पालन– पोषण के बीच जटिल अंतःक्रियाओं का नतीजा है।

पुरुष अधिक असामाजिक व्यवहार प्रदर्शित करते हैं जबकि महिलाओं को चिंता अधिक होती है। पुरुष अधिकतर नशीली चीजों का सेवन करते हैं महिलाओं की अपेक्षा। पुरुष और महिलाएं तीव्र तनाव होने पर अलग– अलग प्रतिक्रियाएं करते हैं। महिलाएं अनुवांशिक रूप से अधिक जटिल होती हैं।

12. We are powerful and natural explorers | हम शक्तिशाली और प्राकृतिक खोजकर्ता हैं।

जब से हमारा जन्म हुआ है उसी क्षण से हम एक प्राकृतिक और शक्तिशाली खोजकर्ता रहे हैं। हमारा दिमाग नवीनता और चुनौतियों से सीखता है। बच्चे इस बात का मॉडल हैं कि हम कैसे सीखते हैं? पर्यावरण के प्रति अवलोकन, परिकल्पना, प्रयोग और निष्कर्ष के माध्यम से कार्यात्मक परीक्षण द्वारा हम नई चीजें सीखते हैं। 

हमारे वयस्क मस्तिष्क के कुछ हिस्से एक बच्चे की तरह ही लचीले रहते हैं। इसी के कारण हम न्यूरॉन्स बना सकते हैं और पूरी जिंदगी नई चीजें सीखते रहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ यह सहज जिज्ञासा कम नहीं होती बल्कि विभिन्न रूप धारण करती है। अपने मस्तिष्क को तेज और चुस्त बनाने के लिए अन्वेषण करते रहें। 

दोस्तो, उम्मीद है कि इस लेख (Brain rules book in hindi) में दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। आपसे अनुरोध है कि इस लेख को आप अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें। यदि आपकी तरफ से कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताएं। आपके कमेंट्स हमारे लिए मोटिवेशन का काम करते हैं।

🙏 धन्यबाद 🙏

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