Failure to success stories | असफलता से सफलता की कहानी।

Failure to success stories | असफलता से सफलता की कहानी।

Failure to success stories

सफलता प्राप्त करने के लिए लोग बहुत सारे रास्ते अपनाते हैं फिर भी क्यों सभी लोग सफल नहीं हो पाते हैं। आइए इस विषय (Failure to success stories | असफलता से सफलता की कहानी।) पर थोड़ा डिस्कस करते हैं। सबसे पहले आपको एक योजना बनानी होगी और फिर उस पर रोजाना काम करना होगा। निरंतरता हमेशा किसी भी कार्य क्षेत्र में सुधार करने की हमारी योग्यता को बढ़ाती है। 

यही निरंतरता हमें सुधार करने में निपुण बनाती है। और आप धीरे – धीरे जीत के उस पायदान पर पहुंच जाते हैं जहां पहुंचने का आपने सपना देखा था। ये सब तभी संभव होता है जब हम किसी कार्य को लगातार करते रहते हैं और सुधार की गुंजाइश को कम करते रहते हैं। आप ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जिन्होंने अपने काम में विजय का परचम लहराया है। 

सबसे पहले जिंदगी में आपका एक लक्ष्य (goal) होना जरूरी है। जब आप अपना गोल अचीव कर लेते हैं तो यही आपकी पहचान बन जाते हैं और जीने का मक्सत भी। लेकिन अपने सपनों को साकार करना इतना आसान नहीं होता। सफलता की राह (way to success) कठिनाइयों से भरी होती है इसलिए एक ना एक बार इसमें असफल होना तय है। 

यदि आप भी सफल लोगों की तरह सोचकर आगे बढ़ते हैं तो निश्चित ही अपने सपने साकार कर पाएंगे। असफलता आपकी मंजिल की वो सीढ़ी है जो आपको मंजिल के करीब लेकर जाती है। इसलिए इनसे घबराएं नहीं आपको इसे पार करना ही होगा। सक्सेसफुल लोग इन असफलताओं से गुजर चुके हैं। वे इन्हें प्रोब्लम न मानकर आगे बढ़ते गए और अपनी गलतियों से सीखते गए। आगे हम ऐसे ही दस प्रसिद्ध सफल लोगों की असफल कहानियां पढ़ेंगे।

दस असफलता से सफलता की कहानी | 10 Failure to success stories

Failure to success stories

1. थॉमस अल्वा एडीसन | Thomas Alva Edison

थॉमस अल्वा एडीसन एक महान वैज्ञानिक और व्यवसायी थे। आज उनके नाम 1093 पेटेंट हैं। एक समय ऐसा भी था जब उनके स्कूल ने यह कहकर पढ़ाने से मना कर दिया कि वह बौद्धिक रूप से कमजोर है। हालांकि यह बात उन्हें तब पता लगी जब उन्होंने इलेक्ट्रिक बल्ब और फोनोग्राम जैसे अविष्कार कर लिए थे।

इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज में एडीसन को बहुत मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने अपनी बायोग्राफी में बताया है कि इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज से पहले वे 10,000 बार से भी ज्यादा असफल (fail) हुए। फिर भी वे थके नहीं और न रुके। वे इसे असफलता नहीं मानते बल्कि कहते हैं कि मैंने 10,000 ऐसे अविष्कार किए जो मेरे लिए काम नहीं करते। 

2. हेनरी फोर्ड | Henry Ford

हेनरी फोर्ड अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे। वे एक सफल उद्योगपति के साथ अविष्कारक भी थे। उनके नाम अमेरिका में 161 पेटेंट हैं। उन्होंने अमेरिका में 1903 में फोर्ड मोटर कंपनी की स्थापना की। वे हमेशा से धनी और सफल नहीं थे। इसके पीछे उनका दृढ़ विश्वास और कुछ अलग करने की लगन थी। 

फोर्ड बहुत ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। उन्होंने 15 वर्ष की उम्र तक ही पढ़ाई की। यंत्रों में ज्यादा लगन की वजह से उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। कुछ पैसों की जरूरत के लिए वे रात को अपने पिता से छुपकर घड़ियों की मरम्मत किया करते थे। फोर्ड मोटर कंपनी से पहले वे दो बार असफल भी हुए लेकिन वे वहीं नहीं रुके। और उन्होंने फोर्ड फाउंडेशन की भी स्थापना की। 

3. एन आर नारायण मूर्ति | NR Narayana Murthy

एन आर नारायण मूर्ति का जन्म 1946 में मैसूर, कर्नाटक में हुआ था। नारायणमूर्ति भारत की प्रसिद्धि सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस टेक्नोलॉजी के संस्थापक और उद्योगपति हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से की। वे दिमाग के बहुत धनी थे लेकिन पारिवारिक स्थिति बिल्कुल इसके विपरीत थी।

1981 में अपने दोस्त के साथ मिलकर नारायण मूर्ति ने इस कंपनी की स्थापना की। मुंबई के एक छोटे से अपार्टमेंट से शुरू होने वाली कंपनी की प्रगति को आज दुनिया जानती है। 2005 में नारायण मूर्ति को विश्व का सबसे बेहतरीन आठवां प्रबंधक चुना गया। वे पद्मश्री, पद्म विभूषण और ऑफिसर ऑफ द लेजियन ऑफ ऑनर – फ्रांस सरकार से अलंकृत हो चुके हैं। 

4. स्टीव पॉल जॉब्स | Steve Paul Jobs 

स्टीव जॉब्स, अमेरिकन मोबाइल और कंप्यूटर कंपनी एप्पल के भूतपूर्व सीईओ और सह संस्थापक थे। वे अमेरिका के 43वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। जॉब्स, अमेरिका के जाने – माने उद्योगपति थे। उन्होंने यह मुकाम बहुत ही संघर्ष करके हासिल किया था। एक समय ऐसा भी आया कि उन्हें एप्पल कंपनी छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने नेक्स्ट इंक की स्थापना की और नेक्स्ट कंप्यूटर बनाया।

बाद में कंपनी की हालत खराब होने पर स्टीव की एप्पल कंपनी में वापसी हुई। उनकी लीडरशिप में एप्पल ने बहुत सफलता प्राप्त की। ये सब इतना आसान नहीं था। असफलताओं और परिस्थितियों को हराकर उन्होंने ये सफलता हासिल की।

पढ़ाई के समय वे आर्थिक तंगी की वजह से गर्मियों की छुट्टियों में काम किया करते थे। जब वे ग्रेजुएशन कर रहे थे तब स्टीव अपने दोस्त के कमरे में जमीन पर सोया करते थे। वे कोक की बोतल बेचकर खाने के लिए पैसे भी जुटाते थे। पास के ही मंदिर में सप्ताह में एक बार मुफ्त में मिलने वाले खाने को भी खाया करते थे। 

Failure to success stories | असफलता से सफलता की कहानी।

5. अब्राहम लिंकन | Abraham Lincoln

अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जन्म 1809 में एक गरीब परिवार में हुआ था। बचपन में ही उनके माता पिता की मृत्यु हो गई। उनकी सिस्टर ने ही अब्राहम लिंकन को पाला। अब्राहम लिंकन को अमेरिका के महानतम राष्ट्रपतियों में गिना जाता है। उनका राष्ट्रपति बनने का सफर इतना आसान नहीं था। इससे पहले उन्होंने बहुत असफलताओं का सामना किया।

राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने सेना में कप्तान और पोस्टमास्टर की नौकरी भी की। 1830 में दास प्रथा को खत्म करने के लिए आंदोलन शुरू हो गए, जिसमें लिंकन भी समर्थक थे। नौकरी के दौरान वे स्थानीय सभा का चुनाव लड़े जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा। फिर 1832 में उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। 1834 में फिर से वे चुनाव लड़े और उनकी जीत हुई लेकिन 1835 में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। 

1838 में वे इलिनॉइस स्पीकर के चुनाव में हार गए। 1854 में लिंकन सीनेट का चुनाव हार गए। 1856 में फिर उपराष्ट्रपति के चुनाव में असफल रहे। 1858 में फिर से उपराष्ट्रपति का चुनाव हार गए लेकिन 1860 में अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति बने। अमेरिका में गृहयुद्ध और दास प्रथा के अंत का श्रेय भी अब्राहम लिंकन को ही जाता है। अपनी शालीनता और दृढ़ निश्चय से ही अब्राहम लिंकन 4 मार्च 1965 को फिर से राष्ट्रपति चुने गए।

6. जे के रोलिंग | Joanne Kathleen Rowling

जॉन कैथलीन रोलिंग (J K Rowling) प्रसिद्ध उपन्यास – क्रम हैरी पॉटर की लेखिका हैं। हैरी पॉटर उपन्यास आज सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। उनके इस उपन्यास लेखन की प्रसिद्धि ने जे के रोलिंग को एक अरबपति महिला बना दिया। इसलिए आज के जमाने में जे के रोलिंग एक मशहूर लेखिकाओं में से एक हैं। शुरू में सबकुछ ऐसा नहीं था और न कैथलीन को किताबें पढ़ना बहुत पसंद था। उन्होंने अपनी इस सफलता से पहले कई असफलताओं को सामना किया है।

एक बार उनकी फ्रेंड ने उन्हें एक भूत और चुडेलों वाली किताब दी जिसे पढ़कर सबकुछ बदल गया। और उन्होंने लेखन का काम शुरू कर दिया। हैरी पॉटर श्रृंखला के पहले उपन्यास को लिखते वक्त उन्होंने खुद को अकेला एक कमरे में रखा। जब इसे लेकर वो प्रकाशकों के पास गईं तो कई प्रकाशकों ने इसे छापने से मना कर दिया। वो समय ऐसा था जब वो एक आश्रय स्थान में रह रही थीं। एक निराश, गरीब, हताश और तलाकशुदा महिला के लिए ये कितना मुश्किल समय था। ये उनसे ज्यादा और कोई नहीं समझ सकता। 

जब वो हैरी पॉटर लिख रही थीं उसके कुछ समय बाद उनकी माताजी का देहांत हो गया। उसके बाद भी वो अपने दर्द को कम करने के लिए लेखन कार्य में लगी रहीं। एक समय ऐसा भी आया जब रोलिंग ने आत्म हत्या करने का मन बना लिया था। उन्होंने अपने मन को काबू में किया और एक बार फिर से प्रकाशकों के पहुंचीं।

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12 बार असफल होने के बाद आखिरकार 1997 में उनका पहला उपन्यास पब्लिश हुआ और उसने पूरी दुनिया में धूम मचा दी। वो यहीं नहीं रुकी और उन्होंने सात उपन्यास लिखे। इतना ही नहीं उनके सभी उपन्यासों पर फिल्म बन चुकी हैं जिन्होंने बहुत पैसा और प्रसिद्धि कमायी। 

7. डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम | Dr A P J Abdul Kalam

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देश के मिशाइल मैन कहे जाने वाले, राष्ट्र निर्माता, लेखक और हम सब के प्रेरक व्यक्तित्व Dr A P J Abdul Kalam थे। जिन्होंने एक साधारण से परिवार में जन्म लेकर अखबार बेचने से लेकर देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति तक का सफर पूरा किया। एक महान वैज्ञानिक के रूप में देश को स्वदेशी तकनीक से निर्मित अग्नि और पृथ्वी जैसी मिशाइलें दीं। उन्होंने कई असफलताओं का सामना किया लेकिन खुद को टूटने नहीं दिया।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुष्कोटी गांव में हुआ था। वे एक पायलट बनना चाहते थे लेकिन किन्ही कारणों से न बन पाए। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। इसके बाद डीआरडीओ और इसरो जैसे महान संगठनों में सेवाएं दीं। उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 और रोहिणी उपग्रह के सफल प्रक्षेपण में महान योगदान दिया।

डॉ कलाम ऐसे शख्स थे जो कि कुरान और गीता दोनों में विश्वास रखते थे। 2002 में वे भारत के राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन्होंने शिक्षा और लेखन क्षेत्र में ध्यान दिया। वे हमेशा छोटे बच्चों को प्यार करते थे और उन्हें जीवन में विज्ञान और अनुशासन का महत्त्व सिखाया करते थे।

यदि पुरस्कारों और सम्मानों की बात करें तो, डॉ कलाम के 79th जन्मदिन पर संयुक्त राष्ट्र ने विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया था। लगभग चालीस से अधिक विश्वविद्यालयों द्वारा उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधियां प्रदान थीं। इसके अलावा उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया।

8. अल्बर्ट आइंस्टीन | Albert Einstein

14 मार्च 1879 को जर्मनी के वुटेनबर्ग में यहूदी परिवार में एक ऐसे शख्स ने जन्म लिया जिसको यदि बुद्धिमान शब्द का पर्याय बोला जाय तो गलत नहीं होगा। हां आप सही समझ रहे हैं ये थे बीसवीं सदी के महान भौतिकविद् “अल्बर्ट आइंस्टीन।” अल्बर्ट आइंस्टीन ने आधुनिक भौतिकी के लिए सापेक्षता सिद्धांत, द्रव्यमान ऊर्जा समतुल्यता, प्रकाश वैद्युत प्रभाव जैसे कई योगदान दिए हैं।

शुरू में आइंस्टाइन को बोलने में दिक्कत होती थी और वे पढ़ाई में भी अच्छे नहीं थे। उनके शिक्षक और फैमिली सभी उन्हें मंदबुद्धि समझते थे। उन्होंने महान वैज्ञानिक बनने से पहले बहुत असफलताओं का सामना किया। खुद को इस नेगेटिविटी से दूर रखा कि “ये तो कुछ भी करने के लिए दिमाग से बहुत कमजोर है।” आपका भविष्य इस पर निर्भर नहीं करता कि आप बचपन या वर्तमान में कैसे हैं। 

अल्बर्ट आइंस्टीन ने 300 से अधिक वैज्ञानिक शोध पत्रों और विज्ञान से अलग किताबों को लिखा। 1999 में टाइम पत्रिका ने आइंस्टीन को शताब्दी पुरुष घोषित किया। 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी में फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट के लिए नोबेल पुरस्कार भी मिला।

9. वॉल्ट डिज्नी | Walt Disney

वॉल्ट डिज्नी कंपनी की स्थापना Walt Disney ने की। वॉल्ट डिज्नी का पूरा नाम ‘वाल्टर एलियास डिज्नी’ था। वो अमेरिकन फिल्म निर्माता व निर्देशक, एनिमेटर, आवाजकर्ता, लेखक, कार्टूनिस्ट और उद्यमी थे। दुनिया की सबसे बड़ी कार्ट्रून जगत की कंपनी बनाने से पहले वॉल्ट डिज्नी को कई असफलताओं का सामना करना पड़ा। 

वॉल्ट ने अपने भाई रॉय ओ डिज्नी के साथ मिलकर डिज्नी प्रोडक्शन की स्थापना की। वॉल्ट का सपना था कि धरती पर एक ऐसी दुनिया का निर्माण जो स्वर्ग से बढ़कर लगे। जहां लोग अपने दुखों को भुलाकर वहां खुशी के पल गुजार सकें। उनका ये सपना बाद में पूरा हुआ।

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मिकी माउस उनकी कंपनी का प्रसिद्ध कार्टून है। डिज्नी ने अपने बिजनेस की शुरुआत अपने ही घर से की। उनका बनाया हुआ पहला कार्टून भी असफल रहा। उनके पहले पत्रकार सम्मेलन में एक संपादक ने उनकी खिल्ली उड़ाई थी कि उनके पास कोई अच्छी फिल्म बनाने की कल्पना नहीं है। यद्यपि बाद में walt Disney दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्माता बन गए। एक बार को उनके भाई रॉय ओ डिज्नी ने भी उनका साथ छोड़ दिया था। वॉल्ट डिज्नी अपने इरादे के पक्के थे जिन्होंने डिज्नी वर्ल्ड की स्थापना की। 2021 में डिज्नी वर्ल्ड ने 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व किया है।

10. धीरूभाई अंबानी | Dheerubhai Ambani

धीरूभाई अंबानी के नाम से विख्यात, रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक का जन्म 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के जूनागढ़ के चोरवाड़ में हुआ था। रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना से लेकर 62000 करोड़ रूपए की संपत्ति के मालिक बन गए। और आज रिलायंस को कौन नहीं जानता। मुकेश अंबानी अधिकृत रिलायंस इंडस्ट्रीज का 2021 का रेवेन्यू 5.05 लाख करोड़ रूपए है। लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था। 

धीरूभाई के पिता एक शिक्षक थे तथा परिवार बड़ा होने के कारण हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती थी। इसलिए उन्होंने हाईस्कूल तक ही पढ़ाई की। घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने पकोड़े भी बेचे। सोलह साल की उम्र में वे यमन चले गए जहां उन्होंने एक पेट्रोल पंप पर 300 रूपए महीने में नौकरी की। पांच साल काम करने के बाद वे वापस भारत लौट आए। अब उनके मन में बिजनेस करने का विचार आया और वो 500 रूपए लेकर मुंबई चले गए।

15000 रूपए की पूंजी के साथ 1958 में धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस वाणिज्यिक निगम की शुरुआत की। 1965 में धीरूभाई अंबानी और उनके भाई चंपकलाल दिमानी की साझेदारी टूट गई। फिर 1966 में धीरूभाई ने गुजरात के अहमदाबाद में “रिलायंस टेक्सटाइल्स” एक कपड़ा मिल खोला।

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ये उनकी जिंदगी का एक निर्णायक मोड़ था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1977 में धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को सार्वजनिक किया। इसके बाद वे भारत के सबसे धनी व्यक्ति बन गए। 6 जुलाई 2002 को उनकी मृत्यु हो गई। सन् 2016 में उनको मरणोपरांत पद्मविभूषण मिला।

जीवन में यदि कुछ बनना है तो असफलताओं से न डरें। अपना जीवन सकारात्मक सोच के साथ जिएं। तो दोस्तो कैसा लगा आपको ये (Failure to success stories | असफलता से सफलता की कहानी।) आर्टिकल। हमें कमेंट्स में जरूर बताएं। आपके कॉमेंट हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होते हैं।

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