Essay on the discipline | अनुशासन पर निबंध।

Essay on the discipline | अनुशासन पर निबंध।

Discipline

Essay on the discipline | अनुशासन पर निबंध।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन – यापन के लिए अनुशासन बहुत ही आवश्यक है। अपने इस लेख (Essay on the discipline | अनुशासन पर निबंध।) में हम अनुशासन के बारे में पढ़ेंगे। जब हम पैदा होते हैं, तब इस दुनिया से और सभी संबंधित चीजों से अनभिज्ञ होते हैं। जैसे – जैसे बड़े होते हैं, तब हमें बहुत सी नई – नई चीजों के बारे में सिखाया जाता है। ये सब हमारी आदतों में शामिल हो जाती हैं और जिंदगी भर हमारे साथ रहती हैं।

ये सब सीख हमें हमारे माता – पिता, शिक्षकों और बुजुर्गों द्वारा प्रदान की जाती हैं। ये सारी आदतें ही हमारे संस्कार बनते हैं। इन सब में अनुशासन एक सबसे अच्छी और महत्त्वपूर्ण आदत है। Discipline आपके जीवन में सफलता को निर्धारित करता है। किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने हेतु आपको अनुशासित और खुद में आत्म – विश्वास बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं।

Preface | प्रस्तावना।

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन बहुत आवश्यक है। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तो कहीं ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता होती है। हम इतिहास और पुराण उठाकर देखें तो अनेकों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे। जहां अनुशासन से महत्त्वपूर्ण सफलताएं व उपलब्धियां हासिल की गई हैं। ये उपलब्धियां हमारे लिए प्रेरणा का प्रबल स्तंभ बनी हुई हैं।

“अनुशासन राष्ट्र का जीवन रक्त है। सच पूछा जाए तो अनुशासन ही मानव सभ्यता के विकास की पहली सीढ़ी है, जिसके सहारे हमारा क्रमिक विकास संभव हुआ है।”

– पं. जवाहर लाल नेहरू

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु और शासन। अनु उपसर्ग है जो शासन से जुड़ा है और जिससे अनुशासन शब्द का निर्माण हुआ है। इसका अर्थ है किसी नियम के अधीन रहना या नियमों के शासन में रहना। जिस देश के लोग अनुशासित हैं, जहां की सेना अनुशासित है, वह देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहेगा।

अनुशासन का पहला पाठ हम घर से सीखते हैं। घर ही वह प्रथम पाठशाला है जहां हम भली – भांति अनुशासन की शिक्षा प्राप्त करते हैं। यह शिक्षा केवल पुस्तक के पन्नों को उलटने से नहीं मिलती, बल्कि वयस्कों या स्वयं के अनुशासन से बच्चों में विकसित होती है। बड़ों के आचरण का प्रभाव छोटों पर पड़ता है, इसलिए हमें अनुशासनबद्ध रहकर जीवन यापन करना चाहिए।

What is discipline | क्या है अनुशासन?

Discipline

Discipline किसी भी व्यक्ति, संस्था या राष्ट्र के सफलतम विकास के लिए बहुत जरूरी है। बेहतर और उच्चतम सफलता के लिए व्यक्ति को बहुत से नियमों का पालन करना पड़ता है। यानी खुद को अनुशासित रहना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार किसी भी संस्था और राष्ट्र के उच्चतम विकास के लिए बहुत सारे मूलभूत नियम और क़ानून बनाए जाते हैं।

अनुशासन के नियमों का पालन ही राष्ट्र और संस्था के विकास की सीढ़ी है। अनुशासन का जन्म ही अनु और शासन दो शब्दों को मिलाकर हुआ है, जिसका अर्थ है खुद के ऊपर शासन करना। अनुशासन का मतलब सिर्फ प्यार का इजहार ही नहीं है और न नफरत करना है। अनुशासन से आपका खुद पर नियंत्रण बना रहता है, जो कि आपके किसी भी कार्य में सफलता की संभावना को बढ़ा देता है या निश्चित करता है।

“अनुशासन वह शक्ति है, जो व्यक्तियों अथवा समूह को उन नियमों या मानकों और पद्धतियों के अनुकरण के लिए प्रेरित करती है, जिन्हें एक संगठन के लिए आवश्यक समझा गया है।”

– रिचर्ड पी. केल्हून

“अनुशासन वह शक्ति है, जो एक व्यक्ति या समूह को किसी उद्देश्य प्राप्ति हेतु आवश्यक समझे गए नियमों का पालन करने के लिए अभिप्रेरित करती है।”

– पिगर्स

The fundamental principle of life is discipline | जीवन का मूलभूत सिद्धांत है अनुशासन।

यहां हम अनुशासन का एक उदाहरण लेते हैं —

जिराफ भारी भरकम और विशालकाय जानवरों में से एक है। जिसकी ऊंचाई भी बहुत होती है। जब जिराफ मादा अपने बच्चे को जन्म देती है तो उस समय वो खड़ी रहती है। जैसे इंसान और अन्य जीव अपने बच्चों से प्यार करते हैं, ठीक उसी प्रकार जिराफ को भी अपने बच्चों से प्यार होता है। लेकिन वह फिर भी खड़े होकर ही उन्हें जन्म देती है।

जब बच्चा उसके पेट के अंदर होता है, तो उस समय बहुत ही नरम होता है और जमीन पर गिरते ही वह एकदम शांत हो जाता है। फिर जिराफ की मां उसे पीछे से आकर ठोकर मारती है। क्या वह उसे प्यार नहीं करती है अगर करती है तो फिर वो ऐसा क्यों करती है। क्योंकि  वह जानती है कि इस दुनिया में जिंदा रहने के लिए कुछ मूलभूत नियम और सिद्धांत हैं जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है।

जब वो बच्चे को ठोकर मारती है तो वह खड़ा हो जाता है और फिर से गिर जाता है क्योंकि उसकी टांगें कमजोर होती हैं। वह गिरता है और मादा जिराफ फिर से ठोकर मारती है। ऐसा तब तक होता है जब तक कि उसका बच्चा खड़ा हो कर चलने नहीं लगता।

हम जिनसे प्यार करते हैं, उनकी सफलता के लिए कुछ ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं जो उस समय उन दोनों को अच्छे नहीं लगते हैं। मादा जिराफ ये भली – भांति जानती है। यदि वो अपने बच्चे के साथ ऐसा सलूक नहीं करेगी तो उसका बच्चा जल्दी से खड़ा नहीं हो पाएगा और मांसाहारी जंगली जानवर उसके बच्चे को खा लेंगे।

Meaning of discipline | अनुशासन का अर्थ।

Discipline

Wikipedia के अनुसार –

अनुशासन वह क्रिया या निष्क्रियता है जो किसी विशेष शासन प्रणाली के अनुसार (या समझौते को प्राप्त करने हेतु) विनियमित होती है। अनुशासन आमतौर पर मानव और पशु व्यवहार को उसके  समाज या पर्यावरण से संबंधित करने के लिए लागू किया जाता है।

अकादमिक और व्यवसायिक दुनिया में अनुशासन, ज्ञान सीखने या अभ्यास की एक विशिष्ट शाखा है। अनुशासन उन अपेक्षाओं का एक समूह हो सकता है जो स्वयं, समूहों, वर्गों, क्षेत्रों, उद्योगों या समाजों सहित किसी भी शासी निकाय द्वारा अपेक्षित हैं।

Types of discipline | अनुशासन के प्रकार।

विभिन्न लोगों ने अनुशासन के भिन्न – भिन्न प्रकार बताए हैं। हम यहां आपको अनुशासन के निम्न प्रकार पर प्रकाश डालते हैं-

  • Positive discipline | सकारात्मक अनुशासन।

सकारात्मक अनुशासन व्यक्ति के व्यवहार के सकारात्मक बिंदुओं पर प्रकाश डालता है। ऐसा करने से आपके अंदर सकारात्मक सोच उत्पन्न होती है, जिससे आपका पूरा का पूरा जीवन बदलने लगता है। कोई भी व्यक्ति अच्छा या बुरा नहीं होता है, व्यक्ति अपने व्यवहार और विचारों से ही अच्छा या बुरा बनता है।

हर माता – पिता अपने बच्चों को सकारात्मक अनुशासन सिखाने की भरसक कोशिश करते हैं। अनुशासन सिखाने के लिए बच्चों को शिक्षण संस्थान में भेजा जाता है। इससे सकारात्मक अनुशासन को बढ़ावा मिलता है। कोई भी व्यक्ति किसी कार्य को उसके निर्धारित नियमानुसार करता है तो उसके अंदर सकारात्मक अनुशासन की वृद्धि होती है।

  • Negative discipline | नकारात्मक अनुशासन।

नकारात्मक अनुशासन वह अनुशासन हो सकता है जिसकी निगरानी में व्यक्ति के गलत कार्यों परखा जाता है। जैसे कि व्यक्ति क्या ग़लत काम कर रहा है। उसे कोई नियम और क़ानून को मानने के लिए मजबूर किया जाता है या आदेश दिया जाता है। इससे व्यक्ति के मन में नकारात्मक भावनाएं जागृत होती हैं और नकारात्मक अनुशासन को बढ़ावा मिलता है।

किसी भी व्यक्ति या समूह को उस संस्था के नियमों का पालन करने के लिए मजबूर या बाधित किया जाता है, तो ऐसे में उनके अंदर पलने वाले अनुशासन को नकारात्मक अनुशासन कहा जाता है।

  • Self- discipline | आत्म- अनुशासन।

आत्म – अनुशासन अपने आप को बेहतर बनाने और संस्थागत लक्ष्यों तक पहुंचने की दिशा में विचार और नई आदतें बनाने के बारे में है। यह अधिक जानकारी प्राप्त करने के साधन के रूप में अनुशासन को देखने का एक विकल्प है।

Self- discipline वह साधन है जिसके द्वारा हमारा आत्म – नियंत्रण प्राप्त होता है। आशा, इच्छा का अनुसरण करती है। हमारी आशाओं की प्रबलता हमारी इच्छाओं की गर्माहट से प्रभावित होती है।

आत्म – अनुशासन से तात्पर्य अपने मन और आत्मा को अनुशासित करना है। जो हमारे शरीर को भी प्रभावित करता है। अपने आप को अनुशासित रखने के लिए हमें खुद को motivate करना होगा। यदि हमारा मन disciplined रहेगा तो शरीर खुद ब खुद अनुशासित रहेगा।

  • External discipline | बाह्य अनुशासन।

जब कोई व्यक्ति किसी संस्था के अंतर्गत होने वाली कार्यविधियों में स्वेच्छा से उन नियमों को अपनाने के बजाय उन बाह्य शक्तियों के द्वारा बाधित होने पर अपनाते हैं तो इसे बाह्य अनुशासन कहते हैं।

बाह्य अनुशासन से लोगों में डर और दंड की भावना जागृत हो जाती है जो उन लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं हो सकती है। यह उनके मानसिक विकास में बाधक हो सकती है।

Essay on the discipline | अनुशासन पर निबंध।

The importance of discipline | अनुशासन का महत्त्व।

अनुशासन का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। यह सफलता की पहली सीढ़ी है। अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है।

अनुशासन एक ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा हम अपना मानसिक और सम्पूर्ण विकास कर पाते हैं। इससे हमारा आत्म सुधार होता है और हम अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम बनते हैं। हम आगे देखते हैं कि कैसे हम सभी के लिए अनुशासन इतना महत्त्वपूर्ण है।

A – All nature is controlled by discipline | सम्पूर्ण प्रकृति अनुशासन से नियंत्रित है।

हम देखते हैं कि सम्पूर्ण प्रकृति ही अनुशासन से नियंत्रित होती है। कैसे सूरज सुबह को उस पूरब दिशा से ही उगता है और पश्चिम दिशा में अस्त हो जाता है। कैसे ये नदियां अपने उद्गम स्थल से निकल कर गंतव्य स्थान तक पहुंचती हैं। कैसे सभी पेड़ – पौधे एक छोटे से बीज से निकलकर अपना – अपना आकार ले  लेते हैं और हमें अपने फल – फूल प्रदान करते हैं।

अनुशासन को एक सम्पूर्ण व सार्वभौमिक शक्ति कहा जा सकता है जिसके द्वारा सम्पूर्ण ब्रह्मांड निर्मित है। सभी ग्रह, नक्षत्र, चांद और तारे अनुशासन में बंधे हुए हैं। सम्पूर्ण प्रकृति ही अनुशासन की डोर से बंधी हुई है। प्रकृति के सभी कार्य – व्यापार किसी न किसी नियम से बंधे हुए हैं। पृथ्वी नित्य नियम से अपनी धुरी पर घूमती है। सर्दी, गर्मी और बरसात सदैव समय पर आया करते हैं।

B – Importance of discipline in student life | विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत बड़ा योगदान है। बिना अनुशासन के अच्छी शिक्षा प्राप्त करना एवम् अच्छे अंक प्राप्त करना दोनों ही मुश्किल हैं। अनुशासन में रहकर एक विद्यार्थी कठिन से कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर लेता है।

माता – पिता और शिक्षक की आज्ञा का पालन करने से ही विद्यार्थी अनुशासन को सीखता है। सुबह जल्दी उठना, पढ़ाई करना, व्यायाम करना, स्नान करना, नाश्ता आदि करने के बाद स्कूल जाना ये सब अनुशासन के उदाहरण हैं।

C – Importance of discipline in daily life | दैनिक जीवन में अनुशासन का महत्त्व।

दैनिक जीवन में भी अनुशासन का बहुत बड़ा महत्त्व है। सुबह उठकर फ्रेश होना, व्यायाम, स्नान करना और नाश्ता करना ये सब दैनिक कार्य हमें अनुशासन सिखाते हैं। इनमें से कोई भी एक कार्य ना करने से आप महसूस करेंगे कि आज मैंने कुछ miss किया है।

हमारे daily रूटीन वर्क भी अनुशासन के उदाहरण हैं। किसी भी कार्य को सुचारू ढंग से करना और उसमें सफल होना ही अनुशासन है। अनुशासन के बिना स्वस्थ्य और सफल जीवनशैली जीना बहुत ही मुश्किल है।

D – Importance of discipline in employee life | कर्मचारी जीवन में अनुशासन का महत्त्व।

कोई भी उपक्रम या संस्था बिना अनुशासन के सुचारू रूप से नहीं चल सकती। आज अधिकतर लोग किसी भी संस्था में कर्मचारी जीवन जी रहे हैं। व्यस्तता भरी जिंदगी में यदि आप discipline से बचना चाहते हैं तो आप बहुत बड़ी मुश्किल में पड़ने वाले हैं।

किसी भी संस्था के अपने नियम और सिद्धांत होते हैं। यदि कोई कर्मचारी इन नियमों का पालन नहीं करता है तो वह उस संस्था के लिए ठीक नहीं है। वह दंड का हकदार हो सकता है। सभी लोग अनुशासन में बंधे हुए हैं, चाहे वो कोई संस्था हो, पार्टी या उपक्रम हो।

Essay on the discipline | अनुशासन पर निबंध।

Quotes on discipline | अनुशासन पर उद्धरण।

बहुत से महान लोगों ने अनुशासन को लेकर अलग – अलग कथन कहे हैं –

“करुणा, सहिष्णुता, क्षमा और आत्म – अनुशासन की भावना ऐसे गुण हैं जो हमें अपने दैनिक जीवन को शांत मन के साथ ले जाने में मदद करते हैं।”

– दलाई लामा

“हम दबाव से अनुशासन कभी नहीं सीख सकते हैं।”

– महात्मा गांधी

“जो व्यक्ति अनुशासन के मूल्य को पहचानते हैं, वे  अपना काम समय पर  करते हैं और सफलता अर्जित कर लेते हैं।”

– आचार्य श्री महाश्रमण

“अनुशासन और अभ्यास से ही आत्म विश्वास पैदा होता है।”

– रॉबर्ट टी क्योसाकी

“जो व्यक्ति अनुशासित नहीं है, उसका न वर्तमान है और न भविष्य।”

– आचार्य चाणक्य

“आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी और उच्च मानवीय मूल्यों के बिना कोई महान नहीं बन सकता है।”

– स्वामी विवेकानंद

“हम सभी को दो चीजें बर्दास्त करनी पड़ती हैं, एक – अनुशासन का कष्ट और दूसरी – पछतावे व मायूसी की पीड़ा।”

– Jim Rohn

“यदि हर घर में अनुशासन का पालन किया जाए तो युवाओं द्वारा किए जाने वाले अपराधों में 95% तक कमी आ जाएगी।”

– J. Edgar Hoover

“अनुशासन के बिना और अभिमान के साथ किया गया तप व्यर्थ ही होता है।”

– वेद व्यास

“अनुशासन ही आपके जीवन के उद्देश्य और उपलब्धि के बीच का पुल है।”

– Jim Rohn

“अपनी इच्छाओं पर अनुशासन ही आपके चरित्र का आधार है।”

– John Locke

“मुझे लगता है कि अनुशासन एक मांसपेशी की तरह है। आप जितना अधिक इसका अभ्यास करेंगे, यह उतना ही मजबूत होगा।”

– डेनिएल गोल्डस्टीन

“अनुशासन की शुरुआत आपके विचारों पर मास्टरी करने से होती है। यदि आप जो सोचते हैं उस पर नियंत्रण नहीं करते हैं, तो आप जो करते हैं उसे नियंत्रित नहीं कर सकते। आत्म – अनुशासन पहले आपको सोचने और बाद में कार्य करने में सक्षम बनाता है।”

– नेपोलियन हिल

Conclusion | उपसंहार।

संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि अनुशासन वह कुंजी है जिसके सहारे व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊंचाई की ओर बढ़ सकता है। अनुशासन व्यक्ति के लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। माता – पिता एक बच्चे में अनुशासन विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कहते हैं एक छोटा बच्चा कच्ची मिट्टी की तरह होता है। उसे जिस आकार में ढालना चाहो, वह वैसा ही बन जाता है। इसलिए बचपन से ही छोटे बच्चों को अनुशासन का महत्त्व समझाना चाहिए और उन्हें अनुशासन का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

नमस्कार दोस्तो,

इस लेख (Essay on the discipline | अनुशासन पर निबंध।) में हमने अनुशासन के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है जो कि हम सभी के लिए आवश्यक है। मुझे आशा है कि ये जानकारी आप लोगों को अच्छी लगी होगी।

धन्यवाद

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