How to manage stress | Tension | तनाव प्रबंधन कैसे करें?
How to manage stress | Tension | तनाव प्रबंधन कैसे करें?
तनाव प्रबंधन कैसे करें? इस लेख में (How to manage stress | Tension | तनाव प्रबंधन कैसे करें?) हम जानेंगे। इस बारे में जानने से पहले आपको तनाव के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
Stress | Tension | तनाव।
तनाव (Stress) एक द्वंद्व है, जो मन और भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव मनःस्थिति से उत्पन्न विकार है। यह मनःस्थिति और परिस्थिति के बीच असंतुलन और असामंजस्य के कारण उत्पन्न होता है।
Stress अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेशद्वार है। इससे मन अशांत, भावना अस्थिर एवम् शरीर अस्वस्थता महसूस करता है। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। आज के समय में तनाव लोगों के लिए बहुत ही सामान्य अनुभव बन चुका है, जो कि मानसिक और शारीरिक प्रतिक्रियाओं द्वारा वयक्त होता है।
तनाव एक मानसिक रोग न होकर मानसिक विकारों का मूल कारण है। मनस्थिति और परिस्थिति के बीच संतुलन का अभाव ही तनाव की अवस्था है। जब व्यक्ति की समस्याएं और परिस्थितियां उसकी क्षमताओं के नियंत्रण से बाहर निकल जाती हैं, तब आपकी क्षमताएं कमजोर होने लगती हैं। और आप तनावग्रस्त होने लगते हैं।
What is stress | तनाव क्या है?
हर कोई तनाव पर अलग अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। तनाव बहुत ज्यादा मानसिक या भावनात्मक दबाव में होने का एहसास है। यदि आप दबाव का सामना करने में असमर्थ हो जाते हैं तो यह तनाव बन जाता है। तनाव आपकी सोच, आपकी भावनाओं तथा आपके व्यवहार को प्रभावित कर सकता है। और यह आपकी शारीरिक क्रियाओं को भी प्रभावित कर सकता है।
किसी ऐसे शारीरिक, रासायनिक और भावनात्मक कारक के रूप में तनाव को समझा जा सकता है, जो शारीरिक और मानसिक बेचैनी उत्पन्न करे। यह रोग निर्माण का कारक भी बन सकता है। ऐसे शारीरिक और रासायनिक कारक जो तनाव पैदा कर सकते हैं, उनमें – सदमा, संक्रमण, विष, बीमारी तथा किसी प्रकार की चोट शामिल हो सकते हैं।
इसकी कोई निश्चित समयावधि नहीं है। यह थोड़े समय के लिए भी रह सकता है और लंबे समय तक भी। यह इस बात पर निर्भर करता है कि तनाव किस कारण से उत्पन्न हुआ है। इस प्रकार स्पष्ट है कि तनाव ऐसी बहुआयामी प्रक्रिया है जो तनाव उत्पन्न होने वाली घटना होती है, जिससे व्यक्ति न केवल शारीरिक अपितु मानसिक कार्य भी विघटित हो जाते हैं।
Definition of stress | तनाव की परिभाषा।
लोगों की तनाव पर अलग – अलग तरह की प्रतिक्रिया होती हैं और अलग – अलग तनाव एवम् तनाव के कारणों का अनुभव भी अलग – अलग होता है। आम तनाव के कारणों में काम, रिश्ते और पैसा शामिल है। तनाव से तात्पर्य शरीर द्वारा आवश्यकतानुसार किए गए अवशिष्ट अनुक्रिया से होता है।
“हम लोग तनाव को एक आंतरिक अवस्था के रूप में परिभाषित करते हैं। यह शरीर की दैहिक मांगों (बीमारी की अवस्थाएं, व्यायाम और अत्यधिक तापक्रम इत्यादि) या पर्यावरणीय एवम् सामाजिक परिस्थितियों से निबटने के मौजूद साधनों को चुनौती देने वाले के रूप में मूल्यांकित किया जाता है। से उत्पन्न होता है।”
“तनाव एक ऐसी बहुआयामी प्रक्रिया है जो हम लोगों में वैसी घटनाओं के प्रति अनुक्रियाओं के रूप में उत्पन्न होती है, जो हमारे दैहिक और मनोवैज्ञानिक कार्यों को विघटित करता है।”
हैंस शैले ने तनाव की पारंपरिक परिभाषा को दैहिक प्रतिक्रिया पर केंद्रित बताया है। उन्होंने “तनाव” (stress) शब्द को खोजा और इसकी परिभाषा शरीर की किसी भी आवश्यकता के आधार पर अनिश्चित प्रतिक्रिया के रूप में की। हैंस शैले की परिभाषा का आधार दैहिक है। यह हार्मोन्स की क्रियाओं को अधिक महत्व देती है, जो एड्रिनल और अन्य ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं।
Types of stress | तनाव के प्रकार।
विकिपीडिया के अनुसार हैंस शैले ने तनाव को दो प्रकार से वर्गीकृत किया है :-
-
यूस्ट्रेस (Eustress) :
मध्यम और इच्छित तनाव जैसे कि प्रतियोगी खेल खेलते समय होता है। इसको सकारात्मक तनाव भी कहा जा सकता है। -
विपत्ति (Distress) :
असंयमित, अवांछित, अतार्किक और बुरा तनाव। इसे नकारात्मक तनाव भी कहते हैं
तनाव पर नवीन उपागम व्यक्ति को उपलब्ध समायोजी संसाधनों के संबंध में स्थिति के मूल्यांकन एवम् व्याख्या की भूमिका पर केंद्रित है। मूल्यांकन और समायोजन की अन्योन्याश्रित प्रक्रियाएं व्यक्ति के वातावरण एवम् उसके अनुकूलन के बीच संबंध निर्धारण करती है। अनुकूलन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति दैहिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक हित के इष्टतम स्तर को बनाए रखने के लिए अपने आस – पास की स्थितियां एवम् वातावरण को व्यवस्थित करता है।
How to manage stress | Tension | तनाव प्रबंधन कैसे करें?
Causes of stress | तनाव के कारण।
व्यक्तियों में किन – किन कारणों से तनाव होता है इस विषय पर मनोवैज्ञानिकों ने गहन अध्ययन किए हैं। इस अध्ययन के आधार पर तनाव उत्पन्न करने वाले निम्नलिखित कारण हैं :-
Changing lifestyle is the reason for stress | बदलती जीवनशैली है तनाव का कारण।
इस बदलती जीवनशैली में हर इंसान इतना व्यस्त है कि उसके पास खुद के लिए भी समय नहीं है। लोगों के ऊपर workload इतना है कि सुबह से शाम तक इसी में लगे रहते हैं। यदि आपके पास कोई निश्चित दिनचर्या नहीं है या उसका पालन नहीं कर पा रहे हैं, तो इससे तनाव बढ़ने लगता है।
उदाहरण के लिए –
यदि आप ऑफिस से लेट नाइट घर लौटते हैं और परिवार को समय नहीं दे रहे हैं तो घर में tension होने लगती है। अगर आप सुबह देर से उठ रहे हो, और नाश्ता नहीं करते हो तो ऑफिस में भूख की वजह से काम में मन नहीं लगता और फिर बॉस की डांट पड़ती है। ये छोटे – छोटे कारण हैं जो तनाव का कारण बनते हैं।
Lack of sleep is the reason for stress | नींद की कमी है तनाव का कारण।
जब आपको पर्याप्त नींद नहीं मिलती है, तो आपके शरीर को उचित आराम नहीं मिल पाता है। और आप थकान महसूस करते हैं। इसके कारण आप दिन के कार्यकलापों में सक्रिय रूप से भाग लेने में असफल हो जाते हैं। इस वजह से तनाव में वृद्धि हो सकती है।
आप देर रात तक जागने से अधिक सोचते हैं और नकारात्मक भावनाओं को संप्रेषित करते हैं। आपके शरीर के लिए पर्याप्त और आदर्श नींद बहुत आवश्यक है। आपको 24 घंटों में 6 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। अन्यथा नींद की कमी से आप तनावग्रस्त हो सकते हैं।
Lack of positive attitude | सकारात्मक नजरिए की कमी।
हमारा सकारात्मक नजरिया हर मुश्किल से लड़ने के लिए हमें शक्ति प्रदान करता है। आधुनिक व्यक्ति आत्मबल और प्राणशक्ति की दृष्टि से बहुत दुर्बल हो गया है। कोई भी परेशानी आने से वह अपनी सहनशक्ति खो देता है। ऐसी परिस्थिति में विवेकपूर्ण ढंग से न सोचने के कारण उसमें नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न होने लगती हैं।
परिणामस्वरूप वह कुछ प्रयास करने से पहले ही खुद को परिस्थितियों के सामने असमर्थ महसूस करने लगता है और उनके सामने अपने हथियार डाल देता है। इस वजह से उनमें तनाव पनपने लगता है। सकारात्मक नजरिए वाला व्यक्ति इन सभी परिस्थितियों से निबटने में सक्षम होता है।
Unable to evaluate your abilities | अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करने में असमर्थ।
आज की भाग – दौड़ वाली जिंदगी में व्यक्ति के पास काम के अलावा खुद के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है। खुद के लिए समय होने से वह गहराई से चिंतन कर सकता है और अपनी क्षमताओं को पहचान सकता है।
लोगों को यही अंदाजा नहीं है कि उनके अंदर असीमित और अपार शक्ति का भंडार है। दुख की बात तो ये है कि वह ये नहीं जान पाता कि वह क्या – क्या कर सकता है। उसके अंदर क्या कमियां हैं जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है। अपनी क्षमताओं का आत्म मूल्यांकन न कर पाना भी तनाव की वजह हो सकती है।
Financial problems are the cause of stress | आर्थिक समस्या हो सकती है तनाव का कारण।
बढ़ती मंहगाई ने तो आम आदमी की कमर ही तोड़ दी है। एक middle क्लास आदमी, गरीब व मजदूर वर्ग तो अपने खर्चों की पूर्ति करते करते थक जाता है। रोजाना के घर के खर्चे, बच्चों की पढ़ाई के खर्चे तथा छोटी – मोटी savings आदि के लिए व्यक्ति दिन रात मेहनत करता है। काम की टेंशन, work load और फिर भी आर्थिक समस्या रहने से तनाव बढ़ने लगता है।
Bad relationships can cause stress | खराब रिश्ते हो सकते हैं तनाव का कारण।
खराब रिश्ते आपके तनाव का कारण हो सकते हैं। अच्छे दोस्तों की कमी, पति – पत्नी की आपसी शिकायत और लड़ाई – झगड़े आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। रिश्तेदारी में किसी बात को लेकर लड़ाई – झगड़े भी आपको परेशान करते हैं। आपके खराब संबंध तनाव का मुख्य कारण हो सकते हैं।
How to manage stress | Tension | तनाव प्रबंधन कैसे करें?
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के गंभीर परिणाम होने से पहले तनाव प्रबंधन के तरीकों के बारे में जानते हैं। इन कारगर तरीकों को अपनाकर हम सभी अपने stress को कम कर सकते हैं या दूर कर सकते हैं। तनाव प्रबंधन के निम्नलिखित तरीके हैं :—
Do Exercise | व्यायाम करें।
प्रतिदिन सुबह 30 से 40 मिनट व्यायाम करें। यदि रोजाना संभव न हो तो कम से कम सप्ताह में तीन दिन इस आवृति को दोहराएं। व्यायाम करने के बाद आप स्वयं को अधिक सक्रिय और स्वस्थ्य अनुभव करेंगे। अध्ययन से पता चला है कि exercise करने से तनाव से छुटकारा, अवसाद में कमी और संज्ञानात्मक कार्य करने में मदद मिलती है।
व्यायाम एंडोर्फिन, सकारात्मक भावनाओं को ट्रिगर करने वाले एक रसायन को रिलीज करता है। Daily exercise में आप दौड़ना, स्विमिंग करना, खेल – कूद आदि को शामिल कर सकते हैं। व्यायाम करके आप खुद को स्वस्थ्य रख सकते हैं और तनाव से मुक्त हो सकते हैं।
Think positively | सकारात्मक सोचें।
सकारात्मक सोच आपको हर परिस्थिति का सामना करने में तथा निरंतर आगे बढ़ने में मदद करती है। मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि आशावादी और निराशावादी अक्सर एक जैसी परिस्थितियों और परेशानियों का सामना करते हैं। आशावादी लोग अपनी सकारात्मक सोच के साथ इन परिस्थितियों से निबटने में सफल होते हैं लेकिन निराशावादी लोग अपनी हार को स्वीकार कर लेते हैं।
अपनी रोजमर्रा की जिंदगी को आनंदमय और खुशहाल बनाने के लिए हर वक्त सकारात्मक सोचें। हर रोज, हर परिस्थिति को सकारात्मक नजरिए से देखने की आदत डालिए। इस प्रकार आप अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सफल होंगे और अपने तनाव से छुटकारा भी पा सकेंगे।
Practice being alert | सचेत रहने का अभ्यास करें।
सचेत रहना लोगों को प्रबंधन और तनाव कम करने में मदद करता है। सचेत रहने के अभ्यास के लिए आप ध्यान और योग जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। सचेत रहने का अभ्यास वर्तमान क्षण पर ध्यान देने का तरीका है, ताकि लोग उनके अनुभवों के बारे में सोचने और महसूस करने में समायोजन कर सकें।
दिन में 20 मिनट के लिए ध्यान करना आपको तनावमुक्त कर सकता है। यदि आप सचेत रहने के लिए योग क्लासेस ज्वॉइन नहीं कर सकते तो स्वयं ही ध्यान करने का अभ्यास करें। ध्यानमुद्रा में अपनी आंखें बंद करें और अपनी श्वांस पर ध्यान दें। अपने शरीर में मौजूद रहने और आरामदायक रहने पर ध्यान दें। किसी भी तनावपूर्ण या नकारात्मक विचार को अपने मन से निकाल दें।
Massage | मालिश कराएं।
मसाज शांत रहने, शारीरिक और भावनात्मक तनाव कम करने का एक शानदार तरीका है। मसाज थेरेपी तनाव को कम करने में मदद करती है। एक प्रोफेशनल मसाज महंगा हो सकता है लेकिन यह बहुत अच्छा होता है। आप अपनी गर्दन, हाथ, हथेली और पूरी बॉडी (जहां तक आप खुद कर सकते हैं) को massage कर सकते हैं। अपने किसी दोस्त से मसाज करा सकते हैं यदि वह इच्छुक है।
आप प्रोफेसनल मसाज भी करा सकते हैं। ये कराने के बाद आप शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को रिलैक्स और तरोताजा महसूस कर सकते हैं। यदि आप तनावमुक्त रहना चाहते हैं तो कम से कम सप्ताह में एक बार मसाज लेने की कोशिश करें।
Healthy diet | स्वस्थ आहार का सेवन।
स्वस्थ आहार आपको stress से छुटकारा पाने में मदद करता है। जब भी आप तनाव में होते हैं, तब आपका मन फास्ट फूड या मीठा खाने को करता है। फास्ट फूड और मीठा खाने से स्थिति आगे चलकर और बिगड़ सकती है। इसलिए जंक फूड को avoid करें और स्वस्थ व ताजा खाना खाएं।
आपको डार्क चॉकलेट खानी चाहिए क्योंकि यह तनाव से लड़ने में आपकी मदद करती है। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां, फल एवम् ड्राई फ्रूट्स जैसे कि – बादाम, काजू, अखरोट, किशमिश, पिस्ता आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। गर्म दूध का सेवन भी stress को कम करने में मदद करता है।
Reading good books | अच्छी किताबें पढ़ना।
किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। किताबों को पढ़कर हम अपने वेद, पुराणों और महान क्रांतिकारी, योद्धाओं व पूर्वजों के बारे में जान पाते हैं। किताबों के जरिए हम अपनी स्कूल की शिक्षा को पूरा करते हैं।
ऐसी ही बहुत सी बुक्स हैं जो कि मोटिवेशनल होती हैं, जिन्हें पढ़कर हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु मोटीवेट होते हैं। पढ़कर हम अपने तनाव को कम कर सकते हैं। हजारों सालों की शिक्षा का विस्तार भी इन्हीं किताबों के माध्यम से ही संभव हुआ है।
Avoid substance abuse | नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।
अधिकांश लोग नशीले पदार्थों का सेवन मस्ती और जिज्ञासावश तथा अपने साथियों के दबाव में आरंभ करते हैं। तनावग्रस्त व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन कुछ ज्यादा ही करने लगता है। ये चीजें शारीरिक और आर्थिक रूप से दोनों ही तरह से हानिकारक हैं। तनाव के प्रभाव को कम महसूस करने के लिए लोग नशीली चीजें इस्तेमाल करते हैं और धीरे – धीरे इनके आदी हो जाते हैं।
नशीले पदार्थों की आदत से छुटकारा पाना मुश्किल तो हो सकता है लेकिन ये असंभव नहीं है। नशे को ना कहना सीखें। नशा करने वाले व्यक्तियों से दूर रहें। रचनात्मक कार्यों व खेल – कूद में हिस्सा लें। बच्चों को पर्याप्त समय दें। बच्चों के दोस्तों और उनके परेंट्स के बारे में जानकारी रखें। ये सुझाव आपको नशीले पदार्थों से छुटकारा पाने में कामयाब हो सकते हैं। तत्पश्चात आपके stress में कमी भी आ सकती है।
Small happiness | छोटी – छोटी खुशियां।
अगर आप तनाव जैसी समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने व्यस्त शेड्यूल में से खुद के लिए समय निकालें। तनाव से मुक्त होने के लिए यदि आपका कोई शौक है तो उसे करें। अपने पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ कहीं घूमने जाएं।
अच्छी किताबें पढ़ें एवम् मधुर संगीत सुनें। ये छोटे – छोटे कार्य करें जिनसे आपको खुशी मिले। इस प्रकार आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं या फिर दूर कर सकते हैं।
Regular routine is necessary for stress relief | नियमित दिनचर्या है तनाव मुक्ति के लिए जरूरी।
नियमित दिनचर्या आपको तनाव से छुटकारा दिला सकती है। यदि आप नियमित दिनचर्या से नहीं चलते हैं तो आपका stress और अधिक बढ़ सकता है। अच्छी नींद लें क्योंकि आदर्श नींद से आपके शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है। सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें, सूर्योदय और प्रकृति का आनंद लें। इससे आपको खुशी का अनुभव होगा। रोजाना healthy breakfast करें। अपना नास्ता कभी न छोड़ें।
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सुबह जल्दी उठकर टहलें या व्यायाम करें, जिससे कि आपका पूरा दिन फुर्तीला रहे। दिन की शुरुआत अच्छी करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। सकारात्मक सोच के साथ अपने दिन कि शुरुआत करें क्योंकि आपके दिन की शुरुआत ही तय करती है कि आपका आज का पूरा दिन कैसा होगा। ये छोटी छोटी चीजें आपका दिन बेहतर बनाती हैं और आपके stress को दूर करने में मदद करती हैं।
मुझे उम्मीद है, तनाव पर लिखा गया यह (How to manage stress | Tension | तनाव प्रबंधन कैसे करें?) पोस्ट आपके लिए महत्त्वपूर्ण व लाभकारी सिद्ध होगा। यदि इस आर्टिकल के द्वारा आप लोगों के जीवन में थोड़े बहुत ही सकारात्मक बदलाव होते हैं तो मुझे बहुत खुशी होगी। आप चाहें तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं।
– धन्यवाद –
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