How to rewire your brain | अपने मस्तिष्क को कैसे पुनःव्यवस्थित करें?

How to rewire your brain | अपने मस्तिष्क को कैसे पुनःव्यवस्थित करें?

अपने कभी सोचा है कि आप अपने मस्तिष्क को फिर से तारित कर सकते हैं यानी कि रीवायर? तो इसका उत्तर है हां! हां जी आप अपने मस्तिष्क को फिर से व्यवस्थित कर सकते हैं। इस आर्टिकल “How to rewire your brain | अपने मस्तिष्क को कैसे पुनःव्यवस्थित करें?” में आपको पूरी जानकारी दी जाएगी। 

क्या आप अपने बेहतर स्वास्थ्य और खुशी के लिए अपने brain ko rewire करना चाहते हैं? या फिर अपने कार्यक्षेत्र में सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए मस्तिष्क को पुनःतारांकित करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।

कई दशकों से हम सुनते आ रहे हैं कि एक निश्चित आयु के बाद दिमाग की अंतः संरचना को नहीं बदल सकते। लेकिन वास्तविकता यह है कि हमारा दिमाग एक लचीला पदार्थ है जिसका लचीलापन आजीवन रहता है। हालांकि बढ़ती उम्र के साथ मस्तिष्क के लचीलेपन में थोड़ी कमी जरूर आती है। 

मस्तिष्क, मानव शरीर का एक अहम हिस्सा होता है जिसे हम शरीर का कंट्रोल रूम बोल सकते हैं। जब भी मस्तिष्क नई सूचनाओं को संसाधित करता है तो न्यूरॉन्स सक्रिय हो जाते हैं और नए रास्ते बनाते हैं। लचीला मस्तिष्क इन संग्रहित सूचनाओं के आधार पर अपना आकार व संरचना बदल लेता है। और इस पूरी प्रक्रिया को न्यूरोप्लास्टिसिटी कहते हैं।

What is neuroplasticity | न्यूरोप्लास्टिसिटी क्या है?

कई दशकों से तंत्रिका विज्ञान में एक नया शब्द बहुत प्रचलित हो रहा है और वो है, न्यूरोप्लास्टिसिटी। Neuroplasticity को समझने के लिए हम इसका संधि विच्छेद कर लेते हैं। Neuro (न्यूरो) + Plasticity (प्लास्टिसिटी) = Neuroplasticity (न्यूरोप्लास्टिसिटी)। न्यूरो का मतलब हमारे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से है। जहां सूचनाओं के आधार पर न्यूरॉन्स सक्रिय होते हैं और नए रास्ते व कनेक्शन्स बनाते हैं। Plasticity उस लचीले पदार्थ का वह गुण से है जो उन मार्गों व कनेक्शन्स को बदलने की क्षमता रखता है। ये अनुभव हमारे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के  विचारों और क्रियाओं के आधार पर प्रभावित होते हैं। 

बहुत लंबे समय से हम यही सुनते आ रहे थे कि मनुष्य अरबों न्यूरॉन्स, सिनैप्स और कनेक्शन के साथ पैदा होता है। और धीरे– धीरे ये स्थिर हो जाते हैं यानी कि इन पैटर्न को बदल नहीं सकते। लेकिन शोधकर्ताओं ने बताया कि वयस्क मस्तिष्क भी सकारात्मक सुदृढ़ीकरण और आनंदमय ध्यान से अपना स्वरूप बदल सकता है। जहां नए न्यूरोलॉजिकल मार्ग संरचित होते हैं जो आपके विचारों के आधार पर घटित होते हैं।

“न्यूरोप्लास्टिसिटी की खास बात यह है कि आपका मस्तिष्क नए कनेक्शन बनाकर खुद को पुनर्गठित कर सकता है।”

डॉ. मार्शा चिनचियान (नैदानिक मनोचिकित्सक)

“हम एक व्यक्ति के रूप में, वास्तव में अपने मस्तिष्क की संरचना को बेहतरी के लिए बदल सकते हैं।”

नतालिया रेम्सडेन (संज्ञानात्मक विशेषज्ञ)

Neuroplasticity how to rewire your brain | न्यूरोप्लास्टीसिटी अपने मस्तिष्क को कैसे पुनःव्यवस्थित करें?

How to rewire your brain | अपने मस्तिष्क को कैसे पुनःव्यवस्थित करें?

न्यूरोप्लास्टिसिटी व्यायामों को अपनी जीवनशैली में शामिल करके आप अपने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बदल सकते हैं। मस्तिष्क की सूजन को कम करके, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में ये व्यायाम आपकी मदद कर सकते हैं। 

परिवर्तन किसी भी क्रियात्मकता के लिए असहज महसूस होता है इसलिए शुरुआत में आपको दिमागी काम बोझिल लगेंगे। और ये सामान्य बात है इसलिए शुरुआत एक या दो आदतों को जोड़कर या बदलकर करें। एक बार जब आप इसके साथ सहज महसूस करें तो समयोपरांत आप और आदतों को इसमें शामिल कर सकते हैं। 

आज भी कई ऐसे न्यूरोप्लास्टिसिटी व्यायाम हैं जिनसे मस्तिष्क को लचीला बनाए रखने के लिए किया जा सकता है। अच्छी न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ती उम्र के साथ– साथ आपको तेज बनाए रखने और संज्ञानात्मक गिरावट से बचाने में मदद कर सकती है। नीचे कुछ Neuroplasticity व्यायाम हैं जिन्हें अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं—

How to rewire your brain to be positive | अपने मस्तिष्क को सकारात्मक बनने के लिए कैसे पुनः सक्रिय करें?

1. Cognitive restructuring practice | संज्ञानात्मक पुनर्गठन का अभ्यास करें। 

आप अपने नकारात्मक विचारों (negative thoughts) को साकात्मकता (positivity) में बदलकर खुश रह सकते हैं। ऐसा करने के लिए पहले आपको ये पहचानना होगा कि आप कब नकारात्मक विचारों को सोच रहे थे। सुनिश्चित करने के बाद आप इन्हें चुनौती दें। यह प्रक्रिया संज्ञानात्मक पुनर्गठन (cognitive restructuring) कहलाती है।

इसके अभ्यास के लिए मुख्य चार चरण हैं–

  1. सबसे पहले उन नकारात्मक विचारों को पहचानें जिनसे आपको परेशानी हो रही है।
  2. विचारों की सटीकता को चुनौती दें
  3. सकारात्मक दृष्टिकोण (positive attitude) विकसित करें।
  4. सकारात्मक और नए विचारों को दोहराने का तब तक अभ्यास करें जब तक कि ये स्वचालित (automatic) न हो जाएं।

संज्ञानात्मक पुनर्गठन का आप जितना अधिक अभ्यास करेंगे यह उतना ही आसान हो जायेगा और आप उतना ही खुश रहेंगे।

2. Feed your brain good | अपने मस्तिष्क को अच्छा खिलाओ।

मस्तिष्क के बारे में यहां बड़ी ही दिलचस्प बात है कि यह आपके शरीर के कुल वजन का एक छोटा सा हिस्सा है, लेकिन यह आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन का एक चौथाई उपयोग करता है। यदि आप एक बेहतर तंत्रिका तंत्र चाहते हैं तो आपको एक उच्च गुणवत्ता वाले यानी उन्नत खुराक की आवश्यकता होगी।

“यदि न्यूरोप्लास्टिसिटी की बात करते हैं तो विटामिन डी और मैग्नीशियम को सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल करें। और दिन के समय अखरोट, ब्लूबेरी और एवोकाडो जैसे स्नैक्स बेहतर तंत्रिका के लिए उन्नत आहार साबित होंगे।”

नतालिया रेम्सडेन (संज्ञानात्मक विशेषज्ञ)

3. Learn a new language | एक नई भाषा सीखें।

प्रत्येक नया शब्द, मस्तिष्क में नए कनेक्शन और रास्ते बनाता है इसलिए एक नई भाषा सीखना Neuroplasticity बढ़ाने का एक शानदार तरीका है। 

“हालांकि एक नई भाषा सीखना न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। जब तक आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर हैं तब तक कुछ भी नया सीखना आपके दिमाग को बदलने और न्यूरोप्लास्टीसिटी बढ़ाने का गहन ध्यान है। इसलिए कुछ भी नया सीखें, संभावनाएं अनंत हैं।”

“आपके मस्तिष्क की न्यूरोप्लास्टीसिटी को बदलने के लिए ऐसी गतिविधियां आवश्यक हैं जो ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हों। कोई संगीत वाद्ययंत्र सीखना या एक नई भाषा सीखना इसके लिए उत्कृष्ट उदाहरण हैं।”

डॉ. तारा स्वार्ट (न्यूरोसाइंटिस्ट)

4. Take a nap | एक झपकी लें।

हालांकि रात के वक्त सात से आठ घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद मस्तिष्क की बेहतरी के लिए अच्छी होती है। लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार दिन के समय 20 से 30 मिनट की झपकी आपके दिमाग की कार्यक्षमता को और बढ़ा देती है। दोपहर के समय में ली गई झपकी (napping) डेंड्रिटिक स्पाइन को प्रोत्साहित करती है। जो आपके मस्तिष्क में न्यूरॉन्स के बीच में महत्त्वपूर्ण कनेक्टर का काम करती है। 

5. Practice gratitude | कृतज्ञता का अभ्यास करें।

आप जिन चीजों के लिए पूरे दिन से आभारी हैं, उनके बारे में किसी पत्रिका में लेख लिखना या उन्हें सूचीबद्ध करना नए न्यूरोलॉजिकल मार्ग बनाता है। कृतज्ञता का यह अभ्यास आपके दिमाग को शांतिपूर्ण और संतुष्टि की स्थिति में ले जाने का एक प्रभावशाली तरीका है। रात को सोने से पहले और जागने के बाद 5 से 10 मिनट का एक सरल अभ्यास न्यूरोप्लास्टिसिटी के लिए शानदार उपाय हो सकता है।

6. Practice wrong hand | गैर – प्रमुख हाथ का अभ्यास करें।

यदि आप दाहिने हाथ के हैं तो दूसरे हाथ से ब्रश करना, सब्जी काटना या फिर दूसरे काम करने का अभ्यास करें। गैर – प्रमुख हाथ से की गई गतिविधियां आपके मस्तिष्क में उपस्थित न्यूरॉन्स की कनेक्टिविटी को मजबूत और नए तंत्रिका मार्ग की संरचना करती हैं।

अपने मस्तिष्क को उत्तेजित करने यानी कि जादुई परिणाम के लिए आप गैर – प्रमुख हाथ के साथ एक पैर पर खड़े होकर ब्रश करने का अभ्यास करें। न्यूरोबिक्स के रूप में जानी जाने वाली ये क्रियाएं आपके मस्तिष्क को स्वचालित होने की अनुमति देने के बजाय, जानबूझकर कंसंट्रेट कर चुनौती देती हैं।

7. Embrace creativity | रचनात्मकता को अपनाएं।

लेखन, शिल्पकला, पेंटिंग, चित्रकला, पढ़ना और कलरिंग जैसी रचनात्मक प्रथाएं आपको दुनिया को अनोखे तरीके से देखने और समझने में मदद करती हैं। राइटिंग, आर्ट, और रंग रचनात्मकता को बढ़ाकर संज्ञानात्मक क्षमता को प्रभावित करता है।

ये क्रियाएं न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन्स को मजबूत करके आपके मस्तिष्क को लाभ पहुंचाते हैं। कलात्मक रचनाएं तंत्रिका तंत्र में नए रास्ते बनाकर उन्हें मजबूत करती हैं जिससे समग्र रूप से संज्ञानात्मक कार्य होते हैं।

8. Prioritize a regular exercise routine | नियमित व्यायाम दिनचर्या को प्राथमिकता दें।

कोई भी कार्डियो और एरोबिक व्यायाम जैसे– ब्रिस्क वॉक, साइक्लिंग, मुक्केबाजी, योग या फिर नृत्य कलाएं अपने दिनचर्या में शामिल करें। आप ये वर्कआउट नियमित रूप से करें जिससे कि आपके शरीर का पसीना निकले। ये व्यायाम आपके मस्तिष्क में बीडीएनएफ नामक अणु को बढ़ाते हैं जो कि स्वस्थ्य न्यूरोप्लास्टीसिटी की कुंजी है।

शोध से पता चला है– संभावित न्यूरोप्लास्टीसिटी लाभ सीधे– सीधे जॉगिंग, बाइकिंग या फिर योग आदि एरोबिक और कार्डियो एक्सरसाइज से जुड़े हैं। जितना अधिक आप नियमित रूप से व्यायाम करेंगे उतना ही Neuroplasticity को अनुकूलित करना आसान हो जाएगा।

9. Practice mindfulness and meditation | सचेतनता और ध्यान अभ्यास करें।

माइंडफुलनेस और ध्यान भी किसी भाषा या कौशल सीखने जैसी ही प्रक्रियाएं हैं ना कि कोई एक बार घटने वाली घटना। शायद आप इनका व्यायाम के विपरीत मूल्यांकन कर सकते हैं लेकिन प्रत्येक दिन नियमित रूप से किए हुए अभ्यास बेहतर परिणाम घोषित करते हैं। जब आप सचेत रूप से जागरूक होकर अपने विचारों के साथ बैठते हैं तो आप वर्तमान क्षण का अनुभव करते हैं।

अपने विचारों को बिना किसी निर्णय के अपने ललाट के मध्य से गुजरने की अनुमति देना सचेतना का आभास दिलाता है। Mindfulness और ध्यान कोई ऐसी चीज नहीं हैं जिनमें निपुणता हासिल की जा सके। ये अनंत गहराई तक की जाने वाली क्रियाएं हैं। इसलिए इनको अलग तरीके से सोचकर अभ्यासरत रहें जैसे ये आपके दिमाग रूपी बगीचे को सींच रही है।

इनका अभ्यास करने के लिए आप इन्हें अपने परिवेश पर ध्यान केंद्रित करके शुरुआत कर सकते हैं। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित कर आस पास की चीजों पर जैसे बनावटों, ध्वनि, गंध और दृश्यों को शारीरिक और भावनात्मक रूप से महसूस करें। ये अभ्यास आपको अपने विचारों को नियंत्रित करने में सक्षम बना सकते हैं यदि इन्हें नियमित रूप से जागरूक होकर किया जाए। 

ध्यान यानी meditation बहुत ही शक्तिशाली क्रिया है। हालंकि यह सचेतना का ही एक रूप है। हावर्ड यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार यह चिंता, तनाव और अवसाद जैसी भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है। यह आपकी एकाग्रता, आत्म– सुधार और फोकस में भी सुधार कर सकता है। यह आपके दिमाग को शांतिपूर्ण और संतुष्टि वाले भावों को प्राप्त करने में मदद करता है। ये सम्पूर्ण प्रक्रिया आपके मस्तिष्क में नए न्यूरॉन्स को पैदा कर उनके बीच इंटरकनेक्शंस को मजबूत करती है। 

Final thoughts | अंतिम विचार। 

हमारा मस्तिष्क भी ब्रह्मांड रूपी दुनिया की तरह है। यहां क्षण भर में विभिन्न प्रकार की असंख्य घटनाएं घटित होती हैं। सब कुछ तो शायद नहीं लेकिन बहुत कुछ अपने विचारों के नियंत्रण से बदला जा सकता है। तो न्यूरोप्लास्टीसिटी को बदलने के लिए उपर्युक्त अनेकों व्यायाम हैं जिनमें से किसी भी एक क्रिया के साथ आप खुद में बदलाव के लिए पहला कदम उठा सकते हैं। 

अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद साथियो, 

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🙏धन्यवाद🙏

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