Attitude | नजरिया | रवैया | दृष्टिकोण | व्यवहार।

Attitude | नजरिया | रवैया | दृष्टिकोण | व्यवहार।

Attitude

Attitude | नजरिया | रवैया | दृष्टिकोण | व्यवहार।

Wikipedia के अनुसार – मनोविज्ञान में, यह  एक (Attitude | नजरिया | रवैया | दृष्टिकोण | व्यवहार।) मनोवैज्ञानिक निर्माण, मानसिक और भावनात्मक इकाई है, जो किसी व्यक्ति को विरासत में मिलती है या उसकी विशेषता है।

यह एक मूल्य के संबंध में व्यक्ति की पूर्वनिर्धारित स्थिति है और यह स्वयं के प्रति संवेदनशील अभिव्यक्ति के माध्यम से उपजी है। Attitude विशेष रूप से किसी व्यक्ति या चीज, प्रवृत्ति, अभिविन्यास के संबंध में तरीका, स्वभाव, भावना और स्थिति है।

Attitude की परिभाषा।

गॉर्डन ऑलपोर्ट के अनुसार, attitude एक मानसिक और तंत्रिका संबंधी स्थिति है जिसे अनुभव के माध्यम से आयोजित किया जाता है। जो सभी वस्तुओं और स्थितियों के साथ व्यक्ति की प्रतिक्रिया पर एक निर्देश या गतिशील प्रभाव को बढ़ाता है जिसके साथ यह संबंधित है।

“नजरिया कुछ संस्थानों, व्यक्तियों या वस्तुओं को एक सुसंगत तरीके से प्रतिक्रिया देने की तत्परता है। यह सीखा गया है और प्रतिक्रिया का विशिष्ट तरीका बन गया है।”

– फ्रैंक फ्रीमैन

“Attitude मनुष्य के झुकाव और भावनाओं, पूर्वाग्रह या पूर्वाग्रह के योग, पूर्व धारणाओं, विचारों, आशंकाओं, धमकियों और अन्य किसी विशिष्ट योग को दर्शाता है।”

– थर्स्टोन

अनास्तासी ने इस तरह के दृष्टिकोण को परिभाषित किया, “उत्तेजनाओं के एक निर्दिष्ट वर्ग के प्रति अनुकूल या प्रतिकूल प्रतिक्रिया करने की प्रवृति, जैसे कि एक राष्ट्रीय या नस्लीय समूह, एक कस्टम या एक संस्था।”

एन. एल. मुन्न के अनुसार, “व्यवहारों को हमारे पर्यावरण के पहलुओं के प्रति पूर्वाभास सीखा जाता है। वे कुछ लोगों, संस्था या सेवा के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक रूप से निर्देशित हो सकते हैं।

Influence of attitudes | नजरिए का प्रभाव।

बहुत से लोग इस धारणा का प्रतिरोध करते हैं। वे यह यकीन करना चाहते हैं कि सिर्फ प्रतिभा या अनुभव के साथ प्रतिभा ही काफी है। लेकिन बहुत सारी प्रतिभावान टीमें अपने खिलाड़ियों के नजरियों के कारण अंततः असफल हो जाती हैं।

“कारोबार, पेशेवर समुदाय, शिक्षा, सरकार और घर में सच्चे लीडर्स एक खास स्तर पर बाकी समाज से अलग होते हैं। विजेता की खास निपुणता का सम्बन्ध पैदाइशी योग्यता, ऊंचे आइक्यू या प्रतिभा से नहीं होता। विजेता की निपुणता का सम्बन्ध योग्यता से नहीं, attitude से होता है।”

– वैटली (द विनर्स एज)

यदि आप असाधारण परिणाम चाहते हैं, तो आपको बेहतरीन प्रतिभा वाले अच्छे लोगों की जरूरत है, जिनके नजरिए जबर्दस्त हों। जब नजरिए ऊपर उठते हैं, तो सफल होने की संभावना भी ऊपर उठती है। जब attitude नीचे गिरते हैं, तो आपके जीतने की संभावना भी उनके साथ ही गिर जाती है।

Attitude spreads when exposed to others | दूसरों के संपर्क में आने पर नजरिया फैलता है।

जब कोई लीडर हताशाजनक परिस्थितियों में भी अपना मनोबल ऊंचा बनाए रखता है, तो दूसरे लोग उसके इस गुण की सराहना करते हैं। और उसके जैसा बनना चाहते हैं। जब टीम का कोई सदस्य मेहनत के संस्कार दिखाता है और सकारात्मक प्रभाव दर्शाता है, तो दूसरे भी उसका अनुकरण करते हैं।

देखिए , सच तो यह है कि लोगों में अपने साथियों से motivation लेने की प्रवृति होती है। लोगों में उनके जैसे नजरिए अपनाने की प्रवृति होती है, जिनके साथ वे समय बिताते हैं। वे उनकी मानसिकता, विश्वास और चुनौतियों से मुकाबला करने की नीति ग्रहण करने लगते हैं।

Attitudes are subjective | नजरिए व्यक्तिपरक होते हैं।

नजरिया दरअसल इस बारे में है कि कोई व्यक्ति कैसा है। इसका असर बाद में इस पर भी पड़ता है कि वह कैसे काम करता है। लोग दूसरों के attitudes के बारे में अपने अवलोकन पर शक इसलिए करते हैं, क्योंकि attitudes subjective होते हैं। लोग अंदर से जैसा महसूस करते हैं, बाहर भी हमेशा उसी को प्रकट करते हैं।

अपनी पुस्तक ‘द विनर विदिन’ में बेहद सफल एनबीए कोच पैट राइली ने “मैं के रोग” के बारे में लिखा है। वे उन टीम सदस्यों के बारे में लिखते हैं जो इसके शिकार हैं। उन्हें अपने खुद के महत्त्व में बहुत प्रबल विश्वास होता है। उनके कार्य सबके सामने लगभग चिल्लाकर यह दावा करते हैं, “मैं ही हूं जो हूं।” राईली कहते हैं कि इस रोग का हमेशा एक ही अवश्यंभावी परिणाम होता है : हम की पराजय।

जब टीम के किसी व्यक्ति का स्वभाव आलोचनात्मक होता है, तो सबको इसका पता चल जाता है, क्योंकि गलती टीम के हर व्यक्ति से हो सकती है। निश्चित रूप से कई अन्य नकारात्मक नजरिए भी हैं, जिनका मैंने जिक्र नहीं किया है। मेरा इरादा हर बुरे attitude की सूची देना नहीं है – सिर्फ सबसे आम बुरे नजरियों का उल्लेख करना है। संक्षेप में, सबसे बुरे नजरिए, स्वार्थ का परिणाम होते हैं।

How does attitudes affect a human being | नजरिया किसी इंसान को कैसे प्रभावित करता है।

नजरिया एक अंदरुनी भाव है, जो व्यवहार द्वारा प्रकट होता है। इसलिए attitude को बिना एक शब्द कहे भी देखा जा सकता है। हमारे परिधान में हमारा हाव – भाव सबसे महत्वपूर्ण होता है। आपका नजरिया और आपकी क्षमता साथ – साथ चलते हैं।

कई बार बाहर से हम अपने attitude पर नकाब पहन सकते हैं और दूसरे लोगों को मूर्ख बना सकते हैं। लेकिन आम तौर पर ये नकाब ज्यादा लंबे समय तक नहीं चलते हैं। निरंतर संघर्ष चलता रहता है, क्योंकि नजरिया बाहर निकलने की कोशिश में छटपटाता रहता है।

मनोवैज्ञानिक/दार्शनिक जेम्स एलन ने कहा है, “ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई इंसान अंदर यात्रा करे, लेकिन बाहर स्थिर खड़ा रहे।” हमारे अंदर जो ही रहा है वह जल्द ही हमारे बाहर होने वाली चीजों पर प्रभाव डालेगा। सख्त नजरिया एक बुरा रोग है। जब हमारा रवैया सकारात्मक और विकास के अनुकूल होता है, तो मस्तिष्क विस्तार करता है और तरक्की शुरू हो जाती है।

Attitude determines your success and failure | नजरिया आपकी सफलता और असफलता तय करता है।

आपका नजरिया ही वह सबसे बड़ी शक्ति है जो इस बात को तय करेगी कि आप सफल होते हैं या असफल। कुछ लोगों का दृष्टिकोण ऐसा होता है कि उन्हें हर अवसर में मुश्किल दिखाई देती है। तथा कुछ लोगों का attitude ऐसा होता है कि उन्हें हर मुश्किल में अवसर दिखाई देता है।

कुछ लोग सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ ऊपर चढ़ जाते हैं तो कुछ नकारात्मक attitude के साथ नीचे गिर जाते हैं। नजरिया, “कुछ को बना देता है तो कुछ को मिटा भी देता है।” यह तथ्य हमारे लिए इतना महत्त्वपूर्ण है कि हमें इसके महत्त्व पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

Attitude determines our relationships with people | नजरिया लोगों के साथ हमारे संबंधों को तय करता है।

लोगों के साथ आपके संबंधों का प्रभाव पूरे जीवन पर पड़ता है, लेकिन संबंध बनाना मुश्किल होता है। सफलता पाने के लिए लोगों के साथ संबंध बनाना अनिवार्य और महत्त्वपूर्ण है।

द स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट कहता है कि किसी भी क्षेत्र में होने वाली आमदनी का सिर्फ 12.5 प्रतिशत ज्ञान से तय होता है। जबकि 87.5 प्रतिशत लोगों के साथ आपकी व्यावहारिक योग्यता से तय होता है।

87.5% लोगों का ज्ञान + 12.5% प्रोडक्ट का ज्ञान = सफलता।

“सफलता के फार्मूले का सबसे महत्वपूर्ण घटक यह जानना है कि लोगों के साथ अच्छे संबंध कैसे रखे जाएं।”

– टेडी रूजवेल्ट

“लोगों के साथ पेश आने की योग्यता के लिए मैं इतने अधिक पैसे देने को तैयार हूं, जितने इस पृथ्वी की किसी भी अन्य योग्यता के लिए नहीं दूंगा।”

– जॉन डी. रॉकफेलर

जब हमारा रवैया दूसरों को पहले स्थान पर रखता है और हम लोगों को महत्त्वपूर्ण मानते हैं, तो हमारा नजरिया हमें अपना नहीं, उनका दृष्टिकोण दिखाएगा। आमतौर पर किसी संगठन में इंसान तरक्की करता है, उसका attitude अच्छा होता है।

Your attitude can turn problems into opportunities | आपका नजरिया समस्याएओं को अवसरों में बदल सकता है।

“बाधा और अवसर में क्या फर्क है? उसके प्रति हमारा नजरिया। हर अवसर में एक मुश्किल होती है और हर मुश्किल में एक अवसर होता है।”

– जे. सिडलो बैकस्टर

उत्कृष्ट नजरिए वाला व्यक्ति मुश्किल स्थिति में भी उसका सर्वश्रेष्ठ लाभ उठा लेता है। जीवन की तुलना सान चढ़ान वाले पत्थर से की जा सकती है। यह आपका चूरा बनाता है या आपको चमकाता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस चीज के बने हैं।विपत्ति उन लोगों के लिए संपत्ति है, जिनका attitude बेहतरीन होता है।

पतंग हवा के साथ नहीं, बल्कि उसके खिलाफ ऊपर उठती है। जब आलोचना की विपरीत हवा बहे, तो वैसे ही बन जाएं, जैसे पतंग हवा के झोंको के सामने बन जाती है। जब तक कि पतंग पर नीचे बंधे धागे का नियंत्रणकारी तनाव न हो, यह ऊपर नहीं उठ पाएगी। यह जीवन के बारे में भी उतना ही सच है।

बहुत कम लोग अब्राहम लिंकन को जानते थे, जब तक कि गृहयुद्ध के भारी बोझ ने उनके चरित्र  को उजागर नहीं कर दिया। रॉबिंसन क्रूसो उपन्यास जेल में लिखा गया था। जॉन बन्यन ने पिलग्रिम्स प्रोग्रेस बेडफोर्ड जेल में लिखी थी। सर वॉल्टर राले ने द हिस्ट्री ऑफ द वर्ल्ड तेरह साल की कैद के दौरान लिखी थी।

लूथर ने वार्टबर्ग के महल में नजरबंद रहते समय बाइबल का अनुवाद किया था। बीथोवन ने जब अपनी सबसे महान रचनाएं लिखीं, तब वे लगभग पूरी तरह बहरे थे और दुखों के बोझ तले दबे थे।

जो लोग सफलता की राह पर चलते हैं और सफलता हासिल करते हैं, उनके जीवन का अध्ययन करें। आप पाएंगे कि भयंकर मुश्किलों ने बार – बार उन्हें सामान्य से ऊपर उठने के लिए विवश किया।

You are religious, so your attitude does not automatically become good | आप धार्मिक हैं, इसलिए आपका नजरिया अपने आप अच्छा नहीं हो जाता।

हम सभी को याद रखना चाहिए कि बुरा नजरिया हमें ऐसी जगहों पर ले जाना चाहेगा, जहां हम नहीं जाना चाहते हैं। कई बार तो यह आपको पूरी तरह खेल के बाहर भी ले जा सकता है। दूसरी ओर, अच्छा attitude आपको सर्वाधिक संभावना वाली जगह पर पहुंचा सकता है।

शायद आपको पक्का नहीं पता कि आपका attitude वहीं है, जहां इसे होना चाहिए। या शायद आप किसी ऐसे व्यक्ति का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका नजरिया उतना सकारात्मक नहीं है, जितना कि हो सकता है। आप इस समस्या को कैसे सुलझाएं? इसके लिए सबसे पहले तो आपको यह जानने की आवश्यकता है कि इंसान का भाव (Attitude | नजरिया | रवैया | दृष्टिकोण | व्यवहार।) कैसे बनता है?

Self-image – how I see myself | आत्म-छवि – मैं खुद को कैसे देखता हूं।

हम खुद को जिस तरह से देखते हैं, उससे भिन्न अंदाज में निरंतर प्रदर्शन करना असम्भव होता है। सरल शब्दों में, हम आम तौर पर अपनी आत्म – छवि के अनुरूप कार्य करते हैं। अंदरुनी भावनाएं बदले बिना बाहरी कार्य बदलने से ज्यादा मुश्किल कुछ भी नहीं है।

हम खुद को कैसा देखते हैं, यह दूसरों के हमें देखने का प्रतिबिंब होता है। अगर हम खुद को पसंद करते हैं, तो इससे यह संभावना बढ़ जाती है कि दूसरे भी हमें पसंद करेंगे। आत्म छवि हमारे attitude के निर्माण के पैमाने तय करती है। हम खुद को जैसा देखते हैं, उसी के अनुरूप काम करते हैं। हमने अपने दिल में जो सीमाएं बना ली हैं, हम उनके पार कभी नहीं जा पाएंगे।

Can the attitude be changed | क्या नजरिया बदला जा सकता है?

हम अपने नजरिए के या तो मालिक होते हैं या फिर शिकार। यह व्यक्तिगत चयन का मामला है। हम आज कौन हैं, वह उन चयनों का परिणाम है जो हमने कल किए थे। कल हम वह बनेंगे, जो हम आज चुनते हैं। परिवर्तन करने का मतलब है परिवर्तन करने का चयन करना।

Attitude स्थाई नहीं होता है। यदि आप अपने नजरिए से खुश नहीं हैं तो आप इसे बदल सकते हैं। आप जिसका नेतृत्व करते हैं, यदि उसका attitude खराब है, तो आप बदलने में उसकी मदद कर सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव होगा जब वह सचमुच बदलना चाहेगा।

कोई भी इस तरह का सकारात्मक व्यक्ति बन सकता है, जिसके लिए जीवन आनंदमय है और हर दिन संभावनापूर्ण है, बशर्ते वह सचमुच इसकी इच्छा करे।

यदि आप बेहतरीन नजरिया पाना चाहते हैं, तो निम्न चयन करें :

#1. Assess your current attitude | अपने वर्तमान नजरिए का आकलन करें।

अपने वर्तमान नजरिए का आकलन करने में थोड़ा टाइम लगेगा। प्रक्रिया यह जानने से शुरू होती है कि आप कहां से शुरू कर रहे हैं। आप स्वयं में प्रमुख परिवर्तन तभी कर सकते हैं, जब आप समस्या को पहचान लें। अपनी समस्या मूलक भावनाओं को पहचानें, जिनके कारण आप अपने बारे में अधिक नकारात्मक महसूस करते हैं। आम तौर पर, समस्या के स्पष्ट होने से पहले भावनाओं का आभास किया जा सकता है।

उस समस्या मूलक व्यवहार को पहचानें, जिस attitude के कारण आपको दूसरों के साथ व्यवहार में सबसे ज्यादा समस्याएं आती हैं। समस्या मूलक सोच को पहचानें। इंसान अपने विचारों का महायोग है। “जैसा इंसान अपने अन्दर सोचता है, वैसा ही वह होता है।” कौन से विचार आपके दिमाग पर हावी रहते हैं और उसे नियंत्रित करते हैं। यह attitude को सुधारने में शुरुआती कदम है।

सच्चाई को स्पष्ट करें। कैसे बदलना है, यह जानने के लिए आपको सच्चाई की रोशनी में अपनी भावनाओं की जांच करने की आवश्यकता है। यदि आप धार्मिक हैं तो धर्मग्रंथ का प्रयोग करें। संकल्प लें। याद रखें, बदलने का चयन एक निर्णय है, जिसे लेना जरूरी होता है और इसे सिर्फ आप ही ले सकते हैं। अपने चयन पर अमल करने की योजना बनाएं और अपने निर्णय पर तुरंत एवम् बार – बार काम करें।

#2. Realize that faith is more powerful than fear | एहसास करें कि आस्था डर से अधिक शक्तिशाली है।

यदि आप किसी मुश्किल काम में गारंटी से सफल होना चाहते हैं, तो आपको शुरू से यह आस्था रखनी होगी कि आप इसे कर सकते हैं। दार्शनिक विलियम जेम्स ने कहा था, “मेरी पीढ़ी की सबसे बड़ी खोज यह है कि लोग अपना मानसिक नजरिया बदल कर अपना जीवन बदल सकते हैं।”

परिवर्तन आपकी मानसिक अवस्था पर निर्भर करता है। विश्वास करें कि आप बदल सकते हैं। यदि आप धार्मिक हैं तो ईश्वर से मदद मांगें। वह आपकी समस्याएं जानता है और उनसे उबरने में आपकी मदद करने के लिए इच्छुक तथा समर्थ है।

#3. Write down the goal | लक्ष्य को लिख लें।

अपना attitude बदलने में आनंद और दिशा दोनों ही के लिए आपके पास एक स्पष्ट लक्ष्य होना चाहिए। यह लक्ष्य यथासंभव अधिकाधिक स्पष्ट, लिखा हुआ या हस्ताक्षर सहित होना चाहिए।  जिसके साथ एक निश्चित समय सीमा भी निर्धारित होनी चाहिए। इस उद्देश्य – कथन को किसी ऐसी जगह रखें, जहां आप  दिन में कई बार इसे देख सकें, ताकि आपको प्रेरणा मिलती रहे।

प्रत्येक दिन अपने लक्ष्य के लिए काम करें। समझदार और मूर्ख व्यक्ति के बीच का एक फर्क किसी जानकारी पर उसकी प्रतिक्रिया है। समझदार व्यक्ति जो सुनता है उस पर कार्य करता है, जबकि मूर्ख व्यक्ति जानता तो है लेकिन काम नहीं करता। बदलने के लिए आपको काम करना होगा। कोई भी चीज किसी इंसान के attitude को इतना बेहतर नहीं बनाती, जितना कि किसी जरूरतमंद व्यक्ति की निस्वार्थ सेवा।

#4. Be willing to change | बदलने की इच्छा रखें।

बदलने की इच्छा आपके नजरिए के परिवर्तन की सफलता को जितना तय करेगी, उतना कोई दूसरा नहीं करेगा। जब सब कुछ असफल हो जाता है तब भी सिर्फ इच्छा आपको सही दिशा में बनाए रख सकती है। इसलिए परिवर्तन को गले लगाएं, यह आपको बदल देगा।

जब हम जीवन के गड्ढों से बाहर निकलते हैं, तभी हम बदलते हैं। जब तक हमारे पास स्वीकार करने योग्य विकल्प होते हैं, हम नहीं बदलेंगे। सच्चाई यह है कि अधिकतर लोग नए समाधानों के बजाय पुरानी समस्याओं के साथ ज्यादा आरामदेह होते हैं। जो लोग मानते हैं कि कोई भी चीज पहली बार नहीं करनी चाहिए, वे कभी कुछ होते नहीं देख पाते।

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– 🙏 धन्यवाद 🙏

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