योग से मानसिक स्वास्थ्य को कैसे अच्छा बनाएं?

योग से मानसिक स्वास्थ्य को कैसे अच्छा बनाएं?

This image is showing the posture of yoga.

योग से मानसिक स्वास्थ्य को कैसे अच्छा बनाएं?

मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति अपने हर कार्य में सफल हो सकता है। यदि आप मानसिक रूप से स्वस्थ हो तो आप शारीरिक रूप से भी स्वस्थ्य रहेंगे।

अब बात ये आती है कि मानसिक रूप से स्वस्थ कैसा रहा जा सकता है। इस लेख में हम ये जानेंगे कि योग से मानसिक स्वास्थ्य को कैसे अच्छा बनाएं?

योग की उत्पत्ति | Origin of yoga.

भगवान शिव को योग विद्या का प्रवर्तक माना जाता है और योग के 84 आसन बताए गए हैं। भगवान शिव ने योग की शिक्षा सर्वप्रथम माता पार्वती को दी थी।

मूलरूप से भारतीय विचारधारा से ही योग की उत्पत्ति हुई है। भारतीय विचारधाराओं में मन की विभिन्न अवस्थाओं का उल्लेख किया गया है। महर्षि पतंजलि ने योगदर्शन के अन्तर्गत अष्टांग योग में समाधि का वर्णन किया है।

युज धातु से व्युत्पन्न होने वाला योग भी पुरलिंग में प्रयुक्त होने पर समाधि अर्थ का वाचक है जबकि नपुंसक लिंग में प्रयुक्त होने पर योग शास्त्र रूप अर्थ का ज्ञापक है। महर्षि व्यास ने भी योग का अर्थ समाधि बताया है। इस प्रकार योग शब्द के अर्थ समाधि, संयोग तथा संयमन होते हैं।

योग की परिभाषा | Definition of yoga.

योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्वी एशिया और श्रीलंका में भी विस्तृत हो गया।

इस समय सारी दुनिया के लोग योग से परिचित हैं। पहली बार 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी है।

अनेकों महापुरुषों ने योग की परिभाषा भिन्न – भिन्न प्रकार से बताई है:-

  • महर्षि चरक के अनुसार

“मन का इन्द्रिय एवम् विषयों से पृथक होकर आत्मा में स्थिर होना ही योग है।”

  • महर्षि पतंजलि के अनुसार

“अभ्यास – वैराग्य द्वारा चित्त की वृतियों पर नियंत्रण करना ही योग है।”

  • विष्णुपुराण के अनुसार

“जीवात्मा तथा परमात्मा का पूर्णतया मिलन ही योग कहलाता है।”

  • भगवदगीता के अनुसार

“सुख -दुःख, पाप – पुण्य, शत्रु – मित्र आदि द्वंदों से अतीत मुक्त होकर सर्वत्र समभाव से व्यवहार करना ही योग है।”

संस्कृत वाङ्मय में योग की प्रमुख तीन विधाएं प्रतिपादित हैं:-

  1. ज्ञान योग
  2. भक्ति योग
  3. कर्म योग।

योग का मन पर नियंत्रण | Mind control of yoga.

मन के नियंत्रण से ही योग के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। अनेकों दार्शनिकों ने मन को नियंत्रित करने की विभिन्न योग प्रणालियां बताई हैं तथा मन को अन्तःकरण के अन्तर्गत रखा गया है।

वर्तमान समय में योग द्वारा मन को नियंत्रित करते हुए व मानसिक योग्यता प्राप्त करते हुए हम आध्यात्मिकता (समाधि) को प्राप्त करते हैं। आध्यात्मिकता में ही हमे मानसिक आरोग्यता प्राप्त होती है और ऐसा ही है।

मानसिक स्वास्थ्य क्या है? | What is Mental Health?

मानसिक स्वास्थ्य से तात्पर्य उस सीखे हुए व्यवहार से अधिक कुछ भी नहीं है जोकि सामाजिक रूप से अनुकूल है। और जो व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का पर्याप्त रूप से सामना करने का अदम्य साहस प्रदान करता है। अतः मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के विश्वस्त गुणों की स्थितियों को परिभाषित करता है।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद आसन | Asanas beneficial for mental health.

मन को ठीक करने के लिए पद्मासन, वज्रासन, हलासन, शीर्षासन, सर्वांगासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन तथा उष्ट्रासन उपयोगी हैं। इसके अलावा नाड़ी शोधन, उज्जायनी प्राणायाम एवम् ध्यान का नियमित अभ्यास हमारी स्मरण शक्ति को बढ़ाने का काम करता है।

रक्त संचालन व पाचन शक्ति में वृद्धि, नसों व मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न करने के अलावा योग से मस्तिष्क को शुद्ध रक्त मिलता है। इसके लिए विशेषतः सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, शीर्षासन, पश्चिमोत्तानासन तथा अर्धमत्स्येंद्रासन करने चाहिए।

शोध के अनुसार योग के फायदे | According to research, the benefits of yoga.

अमेरिका में ड्यूक यूनिवर्सिटी में साइकेट्रिक विभाग के एक शोध के अनुसार योग मुद्राएं रक्त संचार में सहायता करती हैं। जिससे हमारे शरीर में एंद्रोफिंस हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है जो फोकस और सजगता को बढ़ाता है।

योग से तनाव व चिंता को कैसे कम करें? | How to reduce stress and anxiety with yoga.

योग हमारे नर्वस सिस्टम को संतुलन में रखकर मानसिक तनाव व चिंता को कम करता है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम के दो भाग होते हैं-

  • सिम्पैथेटिक
  • पैरा सिम्पैथेटिक सिस्टम

पैरा सिम्पैथेटिक सिस्टम हमारे शरीर व मन को विपत्ति से लडने या भागने के लिए गाइड करता है। सिम्पैथेटिक सिस्टम हमारे दिल की धड़कन की गति को कम करके शांत रहने में मदद करता है।

हमारे आधुनिक जीवन शैली से दोनों सिस्टम में असंतुलन पैदा हो गया है। नियमित रूप से योग करने से श्वांश व हृदय गति को नियंत्रित कर तनाव व चिंता को कम या दूर किया जा सकता है। जिससे हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।

इस भी पढ़ें :- Stress management | तनाव प्रबंधन।

योग से नकारात्मकता को कैसे कम करें? | How to reduce negativity with yoga?

जैसा कि शोध में बताया गया है योग मुद्राओं से रक्त संचार में सुधार होता है। नियमित योगाभ्यास से हमारे मस्तिष्क में क्रोध, ईर्ष्या एवम् घृणा वाली भावनाओं की कोशिकाओं में रक्त संचार को कम करके नकारात्मकता को कम या समाप्त भी किया जा सकता है।

दिमागी चिकित्सा | Brain healing.

मस्तिष्क व्युत्पन्न न्यूरोत्रोफिक फैक्टर (Brain derived neurotrophic factor) मस्तिष्क की प्लास्टिसिटी या स्वयं को चंगा करने की शक्ति का एक मार्क या प्रतीक है। एक व्यक्ति का BDNF जितना अधिक होगा , खुद को चंगा करने की शक्ति उतनी ही अधिक होगी।

अवसाद या विकार वाले व्यक्तियों में BDNF (Brain derived neurotrophic factor) का स्तर कम होता है तथा उनमें कार्टिसोल( तनाव हार्मोन) भी उच्च होता है। दवाओं के सेवन से ये स्तर नियंत्रण में रखे का सकते हैं लेकिन दवा बंद करते ही फिर उसी स्थिति में आ जाते हैं।

निम्हंस एकीकृत केंद्र में एक अध्ययन में पाया गया कि अवसाद पीड़ित रोगी जो दवा के बिना योगाभ्यास करते हैं। उनका BDNF स्तर सामान्यी क्रत एवम् कार्टिसोल के स्तर से नीचे आ गया है।

निष्कर्ष | Conclusion.

नियमित योगाभ्यास से हमारे मानसिक स्वास्थ्य (mental health) एवम् शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के अन्य तरीकों के बारे में जानने के लिए हमारे मानसिक स्वास्थ्य के दूसरे लेख को पढ़ें।

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-: जय हिन्द:-

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